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Sunday, May 9, 2010


मदर्स डे

ज़ुबान से जो पहला शब्द निकले,
वो सिर्फ़ और सिर्फ़ होती है "माँ",
प्रेम की मूरत और दया की सूरत,
वो है सिर्फ़ मेरी माँ !

जब भी मुझे दर्द होता,
माँ की आँखों से नीर बहता,
जिसके दर्शन में भगवान मिलता,
वो है सिर्फ़ मेरी माँ !

बिन माँ के मैं रोयी परदेस में,
जब अकेलापन मुझको पलपल सताये,
सपना बनकर मेरे ख्वाबों में आए,
वो है सिर्फ़ मेरी माँ !

फूल पे है जैसे शबनम,
साँसों में है जैसे सरगम,
जिसका हो आशीर्वाद हम पर सदा,
वो है सिर्फ़ मेरी माँ !


29 comments:

मनोज कुमार said...

मां चरणों में नमन!

रश्मि प्रभा... said...

prem ki murat, daya ki surat...aisi hi maa hai

nilesh mathur said...

भावविभोर कर देने वाली रचना है, बहुत सुन्दर! शुभकामना!

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

boht badiya ji

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

वाह! क्या कहने ! बहुत बढ़िया रचना !

ओम पुरोहित'कागद' said...

माँ की महिमा अपरम्पार !
माँ
तुझे सलाम !
नमन
वन्दन
या
वर्षोँ
तन मन धन से
सेवा के बाद भी
नहीँ होता कोई
ऋण से
उऋण
माँ के।
चँद शब्द
याकि शब्दकोश भी
प्रयाप्त नहीँ
इस असीम को
कैसे
सीम मेँ
साधने लेँ!

Ra said...

एक अच्छी रचना ...दुनिया की हर माँ के चरणों में मेरा शत-शत नमन

Deepak Shukla said...

Hi..

MAA se jeevan shuru..har lamhe har ghadi uski yaad to aati hi hai.. Des ho ya pardes..MAA ki yaad hamesh saath rahti hai..bhale Maa yaadon main saath ho ya murt rup main..

Hamesha ki tarah sundar kavita..

Esi vishay par meri kavita "MAA" PADHEN mere blog par
www.deepakjyoti.blogspot.com

DEEPAK

SACCHAI said...

" sundar rachana "

----- eksacchai { AAWAZ}

http://eksacchai.blogspot.com

arvind said...

जब भी मुझे दर्द होता,
माँ की आँखों से नीर बहता,
जिसके दर्शन में भगवान मिलता,
वो है सिर्फ़ मेरी माँ !
......बहुत सुन्दर! शुभकामना

KK Yadav said...

माँ को समर्पित बेहतरीन रचना..बधाई !!

************************
'शब्द सृजन की ओर' पर आज '10 मई 1857 की याद में'. आप भी शामिल हों.

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

boht hee badhiya babli jii..

Mithilesh dubey said...

मां चरणों में नमन

संजय भास्‍कर said...

मातृ दिवस के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें

संजय भास्‍कर said...

हर माँ के चरणों में मेरा शत-शत नमन

मोहन वशिष्‍ठ said...

मां तुझे सलाम

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

माँ को समर्पित अच्छी भावाभिव्यक्ति

hem pandey said...

माँ से बड़ा कोइ नहीं.

मुकेश कुमार सिन्हा said...

"maaaaaaaaa" chhota sa shabd apne me paripurn!! happy mothers day......Urmi!!

sheetal said...

man ko choo jaane vaali baat.

sandhyagupta said...

Aankh nam ho gayi!

Anonymous said...

yun hi likhte rahein...
-----------------------------------
mere blog mein is baar...
जाने क्यूँ उदास है मन....
jaroora aayein
regards
http://i555.blogspot.com/

Akanksha Yadav said...

माँ पर कितना भी लिखे, पर बहुत कुछ अनकहा रह जाता है..सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई !!

Parul kanani said...

maa....sundarta se likhi rachna!

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

माँ तुझे सलाम।
कैसे लिखेगें प्रेमपत्र 72 साल के भूखे प्रहलाद जानी।

Akshitaa (Pakhi) said...

माँ के बारे में आपने कित्ती प्यारी कविता लिखी...बधाई.

Ramakrishnan said...

Dear Babliji

Bilkul sach farmaya hai apne. Ma to ek anmol moti hai.

Dhanyavad

Ram

Sumit Pratap Singh said...

ईश्वर ने जब हमें धरा पर भेजने का फैसला किया तो उसे लगा कि हमारे सुख-दुःख का ध्यान कौन रखेगा.इस चिंता में खुद ही पहले माँ का रूप धर इस वसुंधरा पर उतर आया..

शरद कोकास said...

भावनाओं की बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है ।