बारिश गड़गड़ गरजने लगा है बादल, आंधी तूफानों से है हलचल, टिपटिप बरसने लगा है पानी, आयी है देखो वर्षा रानी ! नन्हे नन्हे पंछी बेचारे, भटक रहे थे प्यास के मारे, झुलस रहे थे गर्मी में सारे, झूम उठे जब पानी बरसे ! सूखे पौधे अब हुए हरे-भरे, मुरझाये फूल अब खिलने लगे, छोटे बच्चे कागज़ के नाव बनाते, पानी में तैरते देख खिलखिलाते ! मिट्टी की सोंधी सोंधी खुशबू, ले गयी जीवन की हर आरज़ू, छमछम बरसे पानी की बूँदें, अब बारिश के सिवा न कुछ सूझे ! होठों पर मुस्कान की आनाकानी, मस्त पवन है करती मनमानी, धिन धिनक धिन दिर दिर धानी, रिमझिम रिमझिम बरसा पानी ! |
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Tuesday, July 27, 2010
Posted by Urmi at 8:46 PM 22 comments
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