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Sunday, September 5, 2010



शिक्षक दिवस

आपके आशीष, तालीम और ज्ञान से,
आपके उपदेश, उसूल एवं व्याख्यान से,
मुझे मिली एक नयी परिधि, एक नयी दिशा !

डगमगाते कदम को आपने नेक राह और आधार दिया,
संकीर्द, संकुचित बुद्धि को अनंत सा विस्तार दिया,
निस्वार्थ और निर्लोभ होकर आगे चलना सिखाया !

काम निष्ठापूर्वक करने पर आपने हमेशा सराहा,
कभी सदाचार से कभी दुलार से उत्साह बढ़ाया,
उद्दण्ता को दंड देकर विकसित किया और आयाम दिया !

हर विद्यार्थी हो जीवन में
सफल, आपने हमेशा चाहा,
गुरुवर मेरे सिर पुनः आशिषमय कर दीजिये,
"उर्मी" हर बुलंदियों को छुए आप आशीर्वाद दीजिये !

26 comments:

Sulagna said...

I wonder,how do u always write such beautiful poems ?? Great job Babli..Keep them coming !!

विवेक सिंह said...

आशीर्वाद है !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सुन्दर रचना!
--

भारत के पूर्व राष्ट्रपति
डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिन
शिक्षकदिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

Anonymous said...

a wonderful poem.....
may god bless you.....

A Silent Silence : Teri yaadon ki khushboo..(तेरी यादों की खुशबू..)


Banned Area News : Mano Ya Na Mano 2 Brings Two Mind Boggling Tales

मुकेश कुमार सिन्हा said...

sundar aur badhiya.......:)
sikshak diwas ke awsar par aapko bhi bahut bahut badhai....:)

P.N. Subramanian said...

सामायिक और सुन्दर रचना.

arvind said...

bahut badhiya post...शिक्षकदिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

पी.एस .भाकुनी said...

शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

हमारीवाणी said...

क्या आप हिंदी ब्लॉग संकलक हमारीवाणी के सदस्य हैं?

हमारीवाणी पर ब्लॉग पंजीकृत करने की विधि

Nisha said...

'मुझे मिली एक नयी परिधि, एक नयी दिशा !

गुरुवर मेरे सिर पुनः आशिषमय कर दीजिये,
"उर्मी" हर बुलंदियों को छुए आप आशीर्वाद दीजिये !'

bahut sundar panktiyan hai ye!!

माधव( Madhav) said...

well composed

mrityunjay Kumar
F/o Madhav rai

जयकृष्ण राय तुषार said...

aapko bhi bahut baut badhai

मनोज कुमार said...

शिक्षकदिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

गीली मिट्टी पर पैरों के निशान!!, “मनोज” पर, ... देखिए ...ना!

Udan Tashtari said...

शुभकामनाएँ.


बाकी आशीर्वाद तो विवेक जी दे ही गये हैं. :)

अरुणेश मिश्र said...

जो गुरुजनों का सम्मान करते हैं , उनका सर्वत्र सम्मान है ।
प्रशंसनीय आलेख ।

Shah Nawaz said...

बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

हास्यफुहार said...

बहुत अच्छी रचना।

खबरों की दुनियाँ said...

अच्छा लगा , एक अच्छा ब्लॉग देख कर , सुन्दर रचनाएं । बधाई । शुभ कामनाएँ ।

DR.ASHOK KUMAR said...

बबली जी नमस्कार ! आपकी कविता गुरु की महिमा को व्यक्त करती एक बहतरीन रचना हैँ। शुभकामनायेँ! -: VISIT MY BLOG :- जब तन्हा होँ किसी सफर मेँ। ..........गजल को पढ़कर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित हैँ। आप इस लिँक पर क्लिक कर सकती हैँ।

निर्मला कपिला said...

बहुत सुन्दर सार्थक रचना। बधाई।

mridula pradhan said...

wah.bahot sunder.

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

गुरूवे नम:

Amrit said...

Absolutely brilliant. I really think you should publish a book. I am not saying to make you happy..I am honest.

I don't know what is your next poem but it can please write a poem describing 'the best wife' in the world...and I will present it to my wife...

Parul kanani said...

a true dedication :)

वीरेंद्र सिंह said...

शिक्षक दिवस पर लिखी बहुत ही सुंदर और
भावपूर्ण कविता . आभार

अंजना said...

बहुत सुन्दर रचना।


बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!