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Monday, October 11, 2010



तलाश

निकले थे कुछ दूर हम,
आज़ाद पंछी की तरह,
मिल जाए कहीं हमें वो जगह,
खुला आकाश, अपनी ज़मीन,
पंख फैलाये, हम थे लीन !
जग अपना, खुशियाँ अपनी,
लगा जैसे, कहीं वो तो नहीं,
आज उड़ने का मन था,
कहना कुछ भी कम था,
पर पल हर पल एक आस है,
आज भी हमें तलाश है !

21 comments:

Amrit said...

आप बहुत सुंदर लिखते हैं. कृपया लिखते रहें

Anonymous said...

बहुत ही खुबसूरत..सुन्दर शब्दों का प्रस्तुतीकरण... यूँ ही लिखते रहें....

मेरे ब्लॉग पर इस बार

एक और आईडिया....

संजय भास्‍कर said...

उत्तम रचना....बेहतरीन भावों से सजी लाजवाब पंक्तियाँ....BABLI JI

संजय भास्‍कर said...

कुछ तो है इस कविता में, जो मन को छू गयी।

सम्वेदना के स्वर said...

बबली! ईश्वर आपकी हर आस पूरी करे!बहुत सुंदर भाव.

Arvind Mishra said...

ईश्वर करें यह तलाश अंतहीन न बनें और अपना मुकाम पा जाय -अच्छी कविता !

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

wah ji wah babli ji...mazaa aa gaya!

डॉ. मोनिका शर्मा said...

bahut sunder.... urmiji ap hamesha khoosurat bhavon ko sajha karti hain....

मनोज कुमार said...

बहुत अच्छी कविता।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

ज़िंदगी भर यूँ ही तलाश लगी रहती है ..सुन्दर अभिव्यक्ति

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

बबली! कुछ तलाश पूरी होने के लिए नहीं होती...

Rohit Singh said...

तलाश ही तो है जो इंसान को जिंदा रखती है। कभी तलाश पूरी हो जाती है तो कभी अनवरत जारी रहती है। बेहतरीन का तो पता नहीं हां कुछ अवारगी की याद दिला गई आपकी रचना.

हास्यफुहार said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति।

Priyanka Soni said...

सुन्दर भावभिव्यक्ति !

जयकृष्ण राय तुषार said...

very nice post badhai

Asha Joglekar said...

आप अपना खुला आकाश जरूर पायें । सुंदर कविता ।

M VERMA said...

पर पल हर पल एक आस है,
आज भी हमें तलाश है !

आस और विश्वास जीवन का ही दूसरा नाम है
बहुत खूबसूरत रचना

Akshitaa (Pakhi) said...

कित्ती प्यारी रचना ...सभी को नवरात्र और दशहरा की बधाइयाँ !!

sandhyagupta said...

दशहरा की ढेर सारी शुभकामनाएँ!!

डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह said...

babli ji,kafi dino baad apkey blog par aaya aur ek sunder kavita padhney ka anad liya.meri hardik mangal kamnaye.
sader,
dr.bhoopendra

kewal tiwari केवल तिवारी said...

रचनाएं भेजें, नहीं भेजें के बीच में पहली बार आपका ब्लॉग देखा। समस्या दूर हुई। हम ब्लॉग से ही ले लेंगे। आप अपना पता मुझे मेल कर दें तो आपको पत्रिका कूरियर कर भेजूं। जहां तक कविताओं का सवाल है वाकई आप बहुत अच्छा लिखती हैं। इसके लिए आप बधाई की पात्र हैं।
केवल तिवारी
उप समाचार संपादक
नईदुनिया