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Tuesday, July 27, 2010


बारिश

गड़गड़ गरजने लगा है बादल,
आंधी तूफानों से है हलचल,
टिपटिप बरसने लगा है पानी,
आयी है देखो वर्षा रानी !


नन्हे नन्हे पंछी बेचारे,
भटक रहे थे प्यास के मारे,
झुलस रहे थे गर्मी में सारे,
झूम उठे जब पानी बरसे !

सूखे पौधे अब हुए हरे-भरे,
मुरझाये फूल अब खिलने लगे,
छोटे बच्चे कागज़ के नाव बनाते,
पानी में तैरते देख खिलखिलाते !

मिट्टी की सोंधी सोंधी खुशबू,
ले गयी जीवन की हर आरज़ू,
छमछम बरसे पानी की बूँदें,
अब बारिश के सिवा न कुछ सूझे !

होठों पर मुस्कान की आनाकानी,
मस्त पवन है करती मनमानी,
धिन धिनक धिन दिर दिर धानी,
रिमझिम रिमझिम बरसा पानी !