Saturday, December 25, 2010
Posted by Urmi at 2:56 AM 18 comments
Sunday, December 12, 2010
क़ाश क़ाश ये दिल यूँ उदास न होता, तुमसे मिलकर यादों में खोया न होता, दिल में इतना हमारे प्यार न होता, तुम्हारे लिए मन बेक़रार न होता ! तुम्हें जाने का कोई गम नहीं है, प्यार दिया तुमने जितना वो कम नहीं है, न जाने आँखें क्यूँ नम है मेरी, रोकना चाहूँ खुदको पर रूकती ही नहीं ! चेहरा तुम्हारा रहता हैं आँखों में हरदम, नाम लबों पर और कहती है धड़कन, तुम्हारा हमारा ये कैसा है बंधन, अजनबी होकर क्यूँ लगते हो मेरे हमदम ! न मिल कर भी तुमसे मिल चुकी हूँ, लगता है जैसे बरसों से तुम्हें जानती हूँ, सबके साथ रहकर मैं तन्हा महसूस करती, अपने मन की बात किसीसे कह नहीं पाती ! |
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Posted by Urmi at 7:37 PM 39 comments
Wednesday, December 1, 2010
तन्हाई हमसे यूँ न मिला करो ए तन्हाई, शायद किस्मत में लिखी है जुदाई ! तन्हा बैठे बातें करती हूँ, तन्हा हूँ मगर साथ है तन्हाई ! हर पल रहती हूँ साथ उसके, के कभी अपनी सी लगती है तन्हाई ! वक़्त गुज़रने का एहसास नहीं होता, बातें करते करते सुला देती है तन्हाई ! हँसती रहती हूँ साथ उसके, के हँसती है तन्हा देखकर मेरी तन्हाई ! कुछ कहती नहीं मेरे बारे में, बिना कुछ कहे कह जाती है मेरी तन्हाई ! |
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Posted by Urmi at 1:33 AM 24 comments
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