हमारी धरती इतनी बड़ी है धरती हमारी, प्यार मोहब्बत से करे रखवाली ! मानव, मछली, पशु और पक्षी, लाखों जीवों का है घर, रहते हैं सब मिलकर धरती पर, प्यार भरा है न कोई बैर, सब में जीवन, है सब बराबर, नहीं है कोई किसीसे कम ! इतनी बड़ी है धरती हमारी, प्यार मोहब्बत से करे रखवाली ! रंग बिरंगे उड़ते पतंगे, इन्द्रधनुष के अदभुत नज़ारे, परिंदे गगन पे है मंडराते, एक एक करके दाना चुगते, डगमग डगमग चलते जाते, देखकर मन ख़ुशी से खिल उठते ! इतनी बड़ी है धरती हमारी, प्यार मोहब्बत से करे रखवाली ! तरह तरह के है फूल खिले, जीवन रक्षक वृक्ष हमारे, ताज़े सब्जी, अन्न और जल, किसानों के मेहनत का है फल, जब तक धरती हरी रहेगी, स्वस्थ हमेशा कायम रहेगी ! इतनी बड़ी है धरती हमारी, प्यार मोहब्बत से करे रखवाली ! |
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Friday, March 25, 2011
Posted by Urmi at 11:23 AM 19 comments
Thursday, March 17, 2011
रंगों का त्यौहार अनेक रंग है इस पर्व के, आओ खेले होली हम सब मिलके, भीगेंगे सारे रंगों में, झूमेंगे साथी संगों में ! पर्व ये ऐसा जब रंग खिलते हैं सारे, बैर और दुश्मनी के दंभ धुलते हैं सारे, बहता है रंग जो चारों ओर, हर तरफ गूंजे शोर ही शोर ! कपड़ों पर बिखरे गुलाल है, देश भर में ख़ुशी का माहौल है, विचार है ख़ास, बातों में है मिठास, मधुर गीत से बने ये त्यौहार ख़ास ! पिचकारियों से रंग बिखेरते हैं सब, बच्चे जवान बूढ़े आनंद लेते हैं संग, छाई है प्रसन्नता हर घर द्वार, आयी है देखो रंगों का त्यौहार ! |
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Posted by Urmi at 10:47 PM 27 comments
Wednesday, March 9, 2011
उम्मीद उम्मीदों की रोशनी से, दामन भरा था मेरा ! जिसे चाहा था खुदसे ज़्यादा, उसने तोड़ दिया अपना वादा ! रात दिन जिसके आने की उम्मीद करती, उसे एक पल भी मेरी याद न आती ! जिसका ख़्वाब हर पल देखती थी, हो गया ओझल कुछ इस तरह ! वफ़ा का सिला उसने ऐसा दिया, दिल रो रोकर बेहाल हो गया ! क़ाश उसके आने की उम्मीद न करती, आज मैं ख़ुदको तन्हा न पाती ! बस कमी थी अगर कोई, तो साथ नहीं था उसका ! सामने कश्ती थी और, साहिल छूट गया मेरा ! |
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Posted by Urmi at 11:22 PM 31 comments
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