BLOGGER TEMPLATES AND TWITTER BACKGROUNDS

Friday, June 3, 2011


सपना

दिलों में कोमलता का वास हो जाए,
हर इंसान रिश्ते को बखूबी निभाए,
दिल हो सबका दरिया जैसा,
सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा !

खुशियाँ रहे पलभर की,
दरवाज़े पर दस्तक हो पहचानी-सी,
खिले रंग सबके चेहरे पर गुलाबों जैसा,
सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा !

बादलों की खिड़कियों से झाँकता सूरज,
उत्तर से आती हवाओं की खनक,
महकती रहे चारों दिशाएँ, गगन खिला-सा,
सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा !

शरहद पर गूँजती तोपों की आवाज़,
बरक़रार है सब रीति रिवाज़,
मिट जाए दंगे फ़साद लड़ाई हँगामा,
सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा !

हर जीव पर सृष्टि की बराबर छाया है,
फिर भी इंसानों में द्वेष समाया है,
क्यूँ न मिलकर रहे सब एक दूजे से,
सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा !

नित्य अपना कार्य करे पूर्णता से,
न करे कोई बैर किसी से,
फक्र हो हमें अपने देश और लोगों का,
सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा !

30 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर रचना!
आपने बहुत अच्छा सन्देश दिया है इसमें!

SACCHAI said...

हर जीव पर सृष्टि की बराबर छाया है,
फिर भी इंसानों में द्वेष समाया है,
क्यूँ न मिलकर रहे सब एक दूजे से,
सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा !
dil me chupe dard ko kagaz per kaid kiya hai aapne ..bahut hi shandar aur manavta bhari rachana

badhai

http://eksacchai.blogspot.com

Anonymous said...

nice one babli ji
super like

Rakesh Kumar said...

वाह! बबली जी ,कितना सुन्दर सपना है आपका और उससे भी सुन्दर आपका हमेशा यह सोच कि आपका सपना सच हो जाये.
कहतें हैं जहाँ चाह वहाँ राह.
हमारे दिल में कोमलता,सच्चाई सुंदरता का वास होगा तो वह औरो को भी अच्छा बनने के लिए प्रेरित करेगा.फिर तो एक ज्योत से कितनी ही ज्योतें जल उठेंगीं और आपका सपना सच हुआ ही समझो.

डॉ. मोनिका शर्मा said...

हर जीव पर सृष्टि की बराबर छाया है,
फिर भी इंसानों में द्वेष समाया है,
क्यूँ न मिलकर रहे सब एक दूजे से,
सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा !

Sunder bhav.... bahut badhiya

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

आज तो बस आमीन कहने को जी चाहता है!!

M VERMA said...

जीवन सन्देश देती सुन्दर रचना
बहुत सुन्दर

मनोज कुमार said...

भगवान से दुआ करता हूं कि आपका सपना सच हो जाए!

Anamikaghatak said...

बहुत सुन्दर रचना!...........संवेदनशील रचना

devendra gautam said...

बादलों की खिड़कियों से झाँकता सूरज,
उत्तर से आती हवाओं की खनक,
महकती रहे चारों दिशाएँ, गगन खिला-सा,
सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा !

.....मानव और प्रकृति के अंतर्संबधों को परिभाषित करती ये कविता अच्छी लगी..बधाई स्वीकार करें.
---देवेंद्र गौतम

Vivek Jain said...

सुन्दर सन्देश देती बहुत ही बढ़िया रचना, विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

डॉ. नागेश पांडेय संजय said...

बहुत सुन्दर सपना है आपका .


http://baal-mandir.blogspot.com/

Jyoti Mishra said...

dreams... a kind of guiding light which always motivate u to do more..
nice post !!

Dr Varsha Singh said...

फक्र हो हमें अपने देश और लोगों का,
सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा !

संदेशपरक रचना..... हार्दिक बधाई।

G.N.SHAW said...

सृष्टी ने सभी को एक ही हवा दी है , इंसान ,इसके रंग को बदल देता है ..स्वार्थी इंसान !

Amrit said...

Very very nice

पूनम श्रीवास्तव said...

babli ji
bahut hi sundar sapne sajoye hain aapne .kaash! aapka ye sapna pura ho jaaye to samjhiye ki ham sabkke sapne bhi sakar ho jaaye .kyin ki ye sapna aapka hi nahi varan kai dilo ka sapna hai .
shwar karen aapka sapna sach ho jaaye
bahut hi soch
shubhkamayen
poonam

Kunwar Kusumesh said...

बहुत सुन्दर. सपना ज़रूर पूरा होगा,शुभकामनायें.

Atul Shrivastava said...

अच्‍छी उम्‍मीदों के साथ बेहतरीन रचना।
आमीन

गिरधारी खंकरियाल said...

यदि उद्देश्य बड़ा हो तो फल भी बड़ा ही मिलेगा शांति सन्देश को सम्प्रेषित करने के लिए आभार

नश्तरे एहसास ......... said...

हर जीव पर सृष्टि की बराबर छाया है,
फिर भी इंसानों में द्वेष समाया है,

aaj ki duniya ki sacchayi yehi hai,bahut din baad aa payi blog par aur aapki rachna padh kar hi khushi mil gayi.Bahut sunder sapna hai aapka......

Anonymous said...

shandar

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुन्दर रचना
अद्भुत सुन्दर रचना! आपकी लेखनी की जितनी भी तारीफ़ की जाए कम है!

संजय भास्‍कर said...

कई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुन्दर सकारात्मक सोच ...

Rachana said...

हर जीव पर सृष्टि की बराबर छाया है,
फिर भी इंसानों में द्वेष समाया है,
क्यूँ न मिलकर रहे सब एक दूजे से,
सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा !
prabhavi panktiyan lajavab
rachana

ज्योति सिंह said...

दिलों में कोमलता का वास हो जाए,
हर इंसान रिश्ते को बखूबी निभाए,
दिल हो सबका दरिया जैसा,
सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा !
kash aesa ho paaye ,sapna phir poora ho hi jaaye .

Amrit said...

Did you repost it? I think I read it before

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

sapna zarur sach hoga babli jee...

AMEN....

Rakesh Kumar said...

दिलों में कोमलता का वास हो जाए,
हर इंसान रिश्ते को बखूबी निभाए,
दिल हो सबका दरिया जैसा,
सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा !

वाह! बबली जी कितनी कोमल ओर निश्छल सोच है आपकी.काश! हम सब की सोच भी ऐसी ही हो जाये.