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Sunday, November 13, 2011

मासूम चिड़िया

एक चिड़िया,
उड़ती हुई आयी,
आँगन में !

देखा उसको,
चारों ओर देखते,
आँखें प्यारी-सी !

दाना खिलाया,
मुझे देखती रही,
बड़े प्यार से !

कुछ देर में,
पंख फैलाये उड़ी,
हुई उदासी !

अगले दिन,
सुबह वहीँ बैठे,
उसको पाया !

पल में उड़ी,
साथी संग वो आयी,
साथ में बैठी !

घोंसला बना,
अंडा देने वाली थी,
अन्दर घुसी !

कुछ देर में,
फिर से उड़ गई,
राह तकूँ मैं !

आयी वापस,
साथी को संग लिए,
चुपके से वो !

हफ्ते भर में,
दिए अंडे उसने,
नन्ही-सी जान !

छोटे-से बच्चे,
चूँचूँ-चूँचूँ करती,
मन को भाती !


30 comments:

शिवम् मिश्रा said...

वाह बहुत बढ़िया भाव समेटे आपने ... आभार !

संतोष त्रिवेदी said...

यह कुल-कुल संगीत क्या है भला?

आप अपने भावों में ज़बरिया तुकबंदी न करें,कविता अच्छी बनेगी !

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) said...

एक मासूम चिड़िया पर आब्जर्वेशन कवि-हृदय के प्राणी प्रेम का परिचायक है. चित्रों के साथ प्रस्तुति ने रचना को और भी जीवंत कर दिया है.सुंदर चहचहाती हुई रचना के लिये बधाई.

संतोष त्रिवेदी said...

आदरणीया बबली जी, आपको कबिताई सिखाने का इरादा नहीं है क्योंकि सम्वेदनशील होना ही पर्याप्त होता है इसके लिए.
आपके प्रयास निश्चित ही सार्थक हैं,प्रकृति को पकडिये,उसमें जीते रहिये,मेरी सदैव शुभकामनाएं अवं आशीष !

Unknown said...

मन को भाती है आपकी रचनाएँ.

Rahul Bhatia said...

एक मासूम चिड़िया पर बहुत बढ़िया भाव!Sweet poem!

Human said...

बहुत अच्छी अभिव्यक्ति व भाव,एक अलग अंदाज मेँ कविता लिखी है आपने जो आपके versatile poetess होने को प्रमाणित करता है ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सूक्ष्म अवलोकन क्र अच्छी रचना रची है .. सुन्दर अभिव्यक्ति

vijai Rajbali Mathur said...

चिड़िया की कविता प्रेरक बन पड़ी है।

vidya said...

so sweet.........

M VERMA said...

चिड़िया ने आपके मनोभावो को सुन्दर शब्द और भाव दिए
बहुत खूब

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

सुंदर भावो से रची है रचना आपने बधाई.....

Rakesh Kumar said...

बहुत ही मासूम हैं आप, मासूम है यह कविता
मासूम चिड़िया ने आपकी मेरे दिल को है जीता

अब मैं चाहे पढूं रामायण या पढूं गीता
बच्चों की 'चूं चूं' के बिना मुझे लगे सब रीता

माफ कीजियेगा बबली जी.
क्या करूँ मामा बनने की चाहत जो है.

ऋता शेखर 'मधु' said...

बहुत भावपूर्ण हाइकु-कविता बनी है...बधाई|

नीरज गोस्वामी said...

सार्थक रचना


नीरज

Maheshwari kaneri said...

एक अलग अंदाज में सुन्दर भावाभिव्यक्ति..

Arti said...

How cute! The words are so very well written, they touch the heart. You have a way with the pen, pretty.

आशा बिष्ट said...

sundar man sanete huye sundar kavita..

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

मनोहारी रचना

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर सृजन!

Human said...

अपने महत्त्वपूर्ण विचारों से अवगत कराएँ ।

औचित्यहीन होती मीडिया और दिशाहीन होती पत्रकारिता

Tv100 said...

very impressive !

आपकी पोस्ट बेहद पसंद आई! इसलिए आपको बधाई और शुभकामनाएं!

आपका हमारे ब्लॉग
http://tv100news4u.blogspot.com/
पर हार्दिक स्वागत है!

देवेन्द्र पाण्डेय said...

सुंदर भाव।

virendra sharma said...

सुन्दर शब्द चित्र समोए भावपूर्ण कविता चिड़िया आई .....

संध्या शर्मा said...

सुंदर भाव...

Bharat Bhushan said...

हमारे जीवन के साथ जुड़ता है चिड़िया का चहकता संसार. बहुत ही प्यारी कविता.

Bharat Bhushan said...

आपके इस ब्लॉग को मैंने अपने ब्लॉग http://meraaggregator.blogspot.com/ से लिंक कर लिया है.

Nirantar said...

wah badhiyaa
man ke gharonde mein
nirantar khyaalon ke ande
zanm lete
kuchh mein panchhee janm lete
kuchh toot jaate

yashoda Agrawal said...

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में रविवार 03 मई 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

विभा रानी श्रीवास्तव said...

इतने सालों तक दिखी कैसे नहीं
बढ़ियाँ चित्रण