मुलाकात लम्हा लम्हा याद आती है वो मुलाकात, रंगों से भरे ख़्वाब-सी एक शाम, थाम लिया था तुमने जो मेरा हाथ, देखा था हर नज़ारा हमनें एक साथ ! खाईं थी कसमें साथ निभाने की, जीवन के हर मोड़ पर साथ देने की, तुम्हारी बाहों में सुकून मिलता मुझको, तुमसे मिलकर ख़ुशनसीब समझी ख़ुदको ! कहाँ चले गए न जाने तुम उस पल के बाद, करती हूँ इश्वर से तुम्हारे लौटने की फ़रियाद, दिखाए थे तुमने प्यार-भरे मीठे सपने, क्षणभर में कर दिए वे बेगाने तुमने ! जुदाई के अँधेरे में मुझे छोड़ गए तुम, रहने लगी हूँ मैं सुबह से शाम गुमसुम, तन्हा देख रही हूँ आसमां में वो नज़ारे, चादर के जैसी फैली हुई जगमगाते तारे ! |
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Sunday, June 26, 2011
Posted by Urmi at 9:32 PM 34 comments
Tuesday, June 21, 2011
कर्त्तव्य कितने नन्हे बच्चे हैं जो ख़ाली पेट सोते, जहाँ तक हो सके हमें उनका ख्याल है रखना, ग़रीबों की मदद करने में ही मिलता है पुण्य , ऐसे नेक कामों से हमें पीछे नहीं रहना ! जिन्हें एक वक़्त खाना नसीब न होता, उन्हें देखकर मन उदास सा हो जाता, जो कुछ मिले उसीसे हमेशा संतुष्ट रहना, इश्वर की दी हुई चीज़ को न कभी ठुकराना ! कुछ लोग रखते हैं पॉकेट में कलम-कागज़, कभी भूले से बम या फिर पिस्तोल नहीं रखते, सदा अपने उसूलों पर ही चलने की कोशिश करते, अपने माता-पिता की बातों पर गौर फ़रमाते ! कहीं ऐसा न हो पहचान भी अपनी गवाँ बैठे, कभी भी वक़्त के किसी धारे में न बह जाए, गुरुजन की दी हुई सीख को न कभी भूलें, किसी को चोट पहुँचे, कोई ऐसी बात न कहें जाए। |
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Posted by Urmi at 12:18 AM 39 comments
Tuesday, June 14, 2011
नज़रंदाज़ एक नज़र भी वो अब तो इधर, देखकर भी कभी उठाता नहीं है, गलती से अगर मिल जाए नज़रें, भूलकर भी वह मुस्कुराता नहीं है ! कुछ कहूँ मैं उससे अगर कभी, वह है की गौर फ़रमाता नहीं है, बढ़के रोक न लूँ मैं रास्ता उसका, कभी ऐसे रास्तों से वो आता नहीं है ! उससे मिलने की लाख करूँ कोशिश, पर वो कभी साथ निभाता नहीं है, बैठा रहता है ख़ामोश बुत की तरह, जुबां पे उसकी एक लफ्ज़ आता नहीं है ! आख़िर क्या हुई है ख़ता मुझसे, कभी इतना भी बताता नहीं है, क्यूँ नाराज़ रहने लगा है मुझसे ? इसकी वजह कभी समझाता नहीं है ! अनजाने में शायद कुछ कह दिया होगा, वह है की होठों पर कुछ लाता नहीं है, बेचैन हो गयी हूँ मैं उसकी चुप्पी से, मुझे इस बेचैनी से वह अब बचाता नहीं है ! उसने मुझे कभी समझा ही नहीं, संग रहकर भी मुझे अपनाता नहीं है, भूल हुई अगर तो कह दिया होता, मेरा दर्द अब उसे तड़पाता नहीं है ! |
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Posted by Urmi at 11:21 PM 33 comments
Thursday, June 9, 2011
सिर्फ़ इतना सिर्फ़ इतना ही कहा है प्यार है तुमसे, जज़्बात ने मेरे कोई साज़िश नहीं की ! प्यार के बदले में सिर्फ़ प्यार माँगा है, किसी रिश्ते की कोई गुज़ारिश नहीं की ! चाहो जब भुला देना तुम हमें दिल से, सदा याद रखने की सिफ़ारिश नहीं की ! ख़ामोशी से तूफ़ान को भी सह लेते हैं जो, उन बादलों ने इज़हार की बारिश नहीं की ! तुम्हें ही तो माना है हमनें सब कुछ अपना, और तो किसी चीज़ की ख्वाइश नहीं की ! |
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Posted by Urmi at 7:38 PM 41 comments
Friday, June 3, 2011
सपना दिलों में कोमलता का वास हो जाए, हर इंसान रिश्ते को बखूबी निभाए, दिल हो सबका दरिया जैसा, सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा ! खुशियाँ न रहे पलभर की, दरवाज़े पर दस्तक हो पहचानी-सी, खिले रंग सबके चेहरे पर गुलाबों जैसा, सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा ! बादलों की खिड़कियों से झाँकता सूरज, उत्तर से आती हवाओं की खनक, महकती रहे चारों दिशाएँ, गगन खिला-सा, सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा ! शरहद पर गूँजती तोपों की आवाज़, बरक़रार है सब रीति रिवाज़, मिट जाए दंगे फ़साद लड़ाई हँगामा, सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा ! हर जीव पर सृष्टि की बराबर छाया है, फिर भी इंसानों में द्वेष समाया है, क्यूँ न मिलकर रहे सब एक दूजे से, सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा ! नित्य अपना कार्य करे पूर्णता से, न करे कोई बैर किसी से, फक्र हो हमें अपने देश और लोगों का, सच हो सपना मैं सोचती हूँ हमेशा ! |
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Posted by Urmi at 8:53 AM 30 comments
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