झरना झरता जाये, झरना निरंतर, गाता सस्वर ! गीत गूंजते, मिल नाचे उर्मियाँ, खिले नयन ! सुन्दर शोभा, बहे पानी निर्मल, जगे झरना ! खूब नहाये, है आनंद मनाये, खिलखिलाएँ ! मधुर गीत, झरने के संग में, गाये पंछी ! निहारूँ इसे, ये बच्चों-सा उछले, अपूर्व दृश्य ! उमंग भरा, परिवार लगता, सदा अनूठा ! |
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Wednesday, February 8, 2012
Posted by Urmi at 3:47 AM 53 comments
Tuesday, January 31, 2012
तस्वीर समय की शिला पर मधुर चित्र बसे, किसी ने बनाये किसी ने मिटाया उसे ! किसी ने लिखी आँसूंओं से कहानी, किसी ने बहाया उसमें दो बूँद पानी ! इसी में बीत गए दिन ज़िन्दगी के, रंगों-भरी तस्वीर बेरंग-सी लगे ! विकल सिन्धु की लहर न रुके कभी, धरा न उठाये, गगन न गिराए उसे ! प्रणय-पंथ पर प्राण के दीप कितने, मिलन ने जलाये, विरह ने बुझाये इतने ! नयन-प्राण में रूप के स्वप्न जितने, निशा ने जगाये, उषा ने सुलाए उतने ! |
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Posted by Urmi at 7:23 PM 38 comments
Monday, January 16, 2012
आरज़ू कहीं दूर वादियों में, काश हम तुम होते, बेपन्हा मोहब्बत की कशिश, हम दोनों आँखों से कहते ! जो देखना चाहे हमें देखे, न करें हम किसीकी परवाह, हम दोनों हो जाएँ चलो, कुछ देर के लिए गुमराह ! आरज़ू थी तुमसे मिलने की, तुम्हें पाया है हमने आज, कैसे करूँ अपने ख़ुशी का इज़हार, मेरा दिल झूम उठा है आज ! तुमसे दो घड़ी हुई जो बात, लगा जैसे पाया है उम्रभर साथ, हो जाएँ एक दूजे के इतने करीब, न सोचे हम क्या है हमारा नसीब ! |
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Posted by Urmi at 2:07 AM 35 comments
Monday, January 9, 2012
चाँदनी रात चाँदनी रात, महकी हुई फिज़ा, रोशनी छायी ! प्रतिबिम्ब सा, अद्भुत नज़ारा, खोए हुए नयन ! प्रकाश छाये, अँधेरा उज्जवल हो, करूँ प्रतीक्षा ! जीवन मेरा, तुम बिन अधूरा, तन्हा-सा लगे ! देखूँ चाँद को, रात गुज़र जाये, खालीपन-सी ! सोचती रही, बाहें फैलाये तुम, कब आओगे ! गहरे पल, ख़्वाब अधूरा रहा, नशा-सा लगे ! चाँद का रूप, तलाशती अँखियाँ, बरस पड़ी ! |
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Posted by Urmi at 9:38 AM 30 comments
Tuesday, January 3, 2012
नव वर्ष ये नव वर्ष, नया रंग ले आए, ख़ुश्बू फैलाये ! मिलके रहें, सबको खुशियाँ दें, न करे बैर ! रिश्ते निभाए, अपनापन बढ़े, साथ न छूटे ! नया दिन हो, नयी सोच के साथ, कदम चलें ! ख़्वाब हो पूरे, अरमां जो दिल के, पीछे न हटें ! झूम रहे हैं, सारे जहाँ के लोग, मस्त मगन ! मुस्काएँ सभी, कली जैसे हैं खिले, पूरी दुनिया ! सबके संग, आओ करें स्वागत, नव वर्ष का ! |
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Posted by Urmi at 7:43 AM 29 comments
Saturday, December 24, 2011
मोहब्बत भरी ज़िन्दगी कभी करती है आँख मिचौली, कभी सजाये सपनों की डोली, शरारत उम्र भर करती ही रहती, है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी ! कभी खुशियों का मेला लगता है, कभी जीवन झमेला लगता है, कभी चुराए हमसे ये नज़र, है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी ! अपनों से जुदा कर देती है, आँखों में पानी भर देती है, कोई कितनी शिकायत करेगा, है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी ! दूर ये हो तो गम होता है, आँखों का दरिया नम होता है, ख़ुद अपनी मर्ज़ी से चलती है, है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी ! आँसूं भी हो तो पी लेते हैं, पल दो पल ख़ुशी से जी लेते हैं, पलभर न रोका हमें कभी, है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी ! कभी पास है तो कभी दूर है, इसकी नज़ाकत भी नूर है, जीना भी हमको सिखाती है ये, है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी ! ज़िन्दगी गुज़र जाये तकरार में, बेहतर है ये गुज़र जाये प्यार में, इतनी इजाज़त है ज़िन्दगी से, है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी ! |
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Posted by Urmi at 2:34 AM 28 comments
Sunday, December 18, 2011
वर्षा ऋतु भीषण गर्मी, तपती है धरती, है परेशान ! नभ की ओर, आँखें लगाए सभी, करते दुआ ! वर्षा की रुत, सूखा पड़ा है खेत, किसान दुखी ! मेघ गरजा, मुसलाधार वर्षा, धरा मुस्काई ! झूमता मन, रिमझिम के गीत, गुनगुनाए ! शीश झुकाए, वर्षा ऋतू में तरु, हरे-भरे से ! चमक उठे, चेहरे हैं सबके, बौछार पड़ी ! |
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Posted by Urmi at 1:53 AM 23 comments
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