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Tuesday, November 24, 2009
Posted by Urmi at 3:36 AM 16 comments
Thursday, November 19, 2009
रिश्ता |
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Posted by Urmi at 4:09 PM 26 comments
Wednesday, November 11, 2009
माँ माँ तुम अत्यन्त ममतामयी हो, तुम्हीं कमला तुम्हीं वांग्मयी हो, उर्जा से भरपूर संदील धूप हो, तुम देवी की मूरत हो! माँ पहले खाना मुझे खिलाती, बाद में तुम ख़ुद खाना खाती, मेरी खुशियों में खुश होती, मेरे दुखों में आँसूं बहाती! तुमने मुझे संस्कार सिखलाया , अच्छा बुरा मुझे बतलाया , मेरी गलतियों को सुधारा , हमेशा मुझपर प्यार बरसाया । तुम अमृत की गागर हो, फूलों जैसी कोमल और नाज़ुक हो, तुम बिन मेरा जीवन है अधूरा, हाँ माँ तुम ही मेरे जीने की वजह हो ! |
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Posted by Urmi at 10:33 PM 20 comments
Sunday, November 8, 2009
अकेलापन वीरान है ये आंखें मेरी, राह देख रही हूँ बस तेरी, छाई है यहाँ सुनी रातें, याद दिलाये तुम्हारी बातें ! बादलों ने ऐसे घेर लिया, उसे लिपटकर आँखों को बंद किया, आया कैसा ये सुहाना मौसम, बहने लगा जैसे प्यार में आलम ! रिमझिम रिमझिम बरसे सावन, भीगा तनमन मांगे साजन, इन वादियों ने मेरा मन मोह लिया, आ भी जा, अब आ भी जा मेरे पिया ! |
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Posted by Urmi at 8:10 PM 14 comments
Sunday, November 1, 2009
यादें ज़िन्दगी क्या है ? एक खेल है, सुख और दुःख का मेल है, याद करती हूँ सुख भीने पलों को, भुलाने को दुःख खिलाती हूँ, ह्रदय कमल के सुप्त शत दलों को ! प्यार का आलम यहाँ हर जगह नहीं होता, प्यार बेवजह होता है, बावजह नहीं होता, यादों का मौसम हमेशा बरसता रहता है, ये बदलती ऋतुओं की तरह नहीं होता ! फूलों को कितने जतन से रखते हैं ये खार, फूल फ़िर भी बनते हैं गैरों के गले का हार, खार लेकिन देवदास सा उदास नहीं होते, अपने प्रिय की हर अदा से करते हैं प्यार ! हर सुर- ताल पे झूमने को मन चाहता है, पर 'राधा-कृष्ण' सा महारास नहीं होता, चाहते सभी हैं ज़िन्दगी में आनन्द लेना, पर ऐसा मुकद्दर सभी के पास नहीं होता ! |
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Posted by Urmi at 4:47 AM 18 comments