ज़िन्दगी जो चाहत थी ज़िन्दगी में, जिसे ख़्वाब में देखा था मैंने, उसे जब पाया मैंने हकीक़त में, तो ज़िन्दगी क्या है उसे महसूस किया मैंने ! ज़िन्दगी की हर ख्वाइश को पूरा किया उसने, हर लम्हे को फूलों की तरह ख़ूबसूरत बनाया उसने, मेरे हर दुःख को उसने अपना समझा, हर मुश्किल घड़ी में मेरा साथ दिया उसने ! मेरे दिल की हर बात को उसने अपना समझा, मैंने ख़ुद को दुनिया का सबसे ज़्यादा खुशनसीब समझा, सारी दुनिया से बेखबर हो गई थी मैं, उसके बेपनहा मोहब्बत में इस कदर खो गई मैं ! |
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Monday, September 28, 2009
Posted by Urmi at 5:57 AM
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17 comments:
आदमी की चाहत पूरी हो जाए तो सच में वह सबसे ख़ुशनसीब होता है। मनोभावनाओं को व्यक्त करती अच्छी रचना के लिए बधाई। "हर ख्वाइश पूरी की उसने", "मेरे हर दुख" और "उसकी बेपनाह मोहब्बत" परिवर्तन पर ध्यान दें।
वाकई जब ख्वाब पूरे हो तो जिन्दगी मे रोशनी हो जाती है.
बखूबी आपने अपने ज़ज्बातो को व्यक्त किया है.
जीवंत चित्र भी ---
प्यार के एहसास तो यही है ...........प्यार प्यार ही तो है जो अद्वितीय सुख अलौकिक होने का एहसास कराते है!बेहद खुबसूरत एहसास!
"her lamha ko foolo ki tarah khubsurat banaya ,
mere her dukh ko vo apana samja,
juba per baat aate hi use anjam diya ."
plz ho sake to ye 3 line padhker badlav karo "
" BAAKI BAHUT HI ACCHI BANI HAI RACHANA "
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
http://hindimasti4u.blogspot.com
भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति है।
बधाई!
babali,
" badhai , ab ban padi acchi rachana . jindgi ki aur khwaish ki khubsurati chalkaker gehra pyar darshati adbhut abhivyakti ke liye aapko badhai ."
" aapne yahan dikhaya ki chahat aur khwaish ka sambandh hota hai vahi pyar ki gaherai hoti hai ."
----- eksacchai { AAWAZ }
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" aapne aapki rachana ki kuch panktiya me badlav karke hume dhany kar diya ."
बस दो गलतियाँ हर (लम्हे) को और( उसकी) बेपनाह .. बाकी बढ़िया है ।
बबली जी, लगता है आपने मन के भावों को ही शब्दों में ढाल दिया हैं आप दोनों को बधाई.
मैंने ख़ुद को दुनिया का सबसे ज़्यादा खुशनसीब समझा,
सारी दुनिया से बेखबर हो गई थी मैं,
बहुत खूब. ऐसी खुशनसीबी हर एक की किस्मत में नहीं होती, कारण चाहे जो हो.
हार्दिक बधाई.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
बहुत ही उम्दा रचना। आपने अपने जज्बातो को शब्दो के साथ बखूबी पिरोया है, ।
बहुत खूब |
एक नयी रवानी है आपके अल्फाजों में
बेहतरीन रचना
जय हो... जय हो...
सुंदर जज्ज़बातों को सुंदर अभिव्यक्ति दी है आपने ।
जीवन में जहां इतने अंधेरे हैं
आपने उजालों को एक नई रोषनी दी है ।
बब्ली जी,
आपकी सभी कवितायें मैनें पढ़ी --अच्छी लगीं।सबसे खास बात यह कि आपकी ज्यादातर कवितायें सकारात्मक एप्रोच वाली हैं। शुभकामनायें।
हेमन्त कुमार
gud one..its really gr8 keep it up!!
v.nice keep up the gud work !!
babli ji
namaskar
bahut dino baad aaya , maafi maang rah hon
aapki is kavita me zindagi ke prati jo positive approch hai ,wo kabile taarif hai .. mujhe ye kavita baut acchi lagi ,,, its like falling in love with life..
kudos
regards
vijay
www.poemsofvijay.blogspot.com
बखूबी आपने अपने ज़ज्बातो को व्यक्त किया है.
SANJAY KUMAR
HARYANA
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
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