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Monday, September 28, 2009



ज़िन्दगी


जो चाहत थी ज़िन्दगी में,
जिसे ख़्वाब में देखा था मैंने,
उसे जब पाया मैंने हकीक़त में,
तो ज़िन्दगी क्या है उसे महसूस किया मैंने !

ज़िन्दगी की हर ख्वाइश को पूरा किया उसने,
हर लम्हे को फूलों की तरह ख़ूबसूरत बनाया उसने,
मेरे हर दुःख को उसने अपना समझा,
हर मुश्किल घड़ी में मेरा साथ दिया उसने !

मेरे दिल की हर बात को उसने अपना समझा,
मैंने ख़ुद को दुनिया का सबसे ज़्यादा खुशनसीब समझा,
सारी दुनिया से बेखबर हो गई थी मैं,
उसके बेपनहा मोहब्बत में इस कदर खो गई मैं !




17 comments:

मनोज कुमार said...

आदमी की चाहत पूरी हो जाए तो सच में वह सबसे ख़ुशनसीब होता है। मनोभावनाओं को व्यक्त करती अच्छी रचना के लिए बधाई। "हर ख्वाइश पूरी की उसने", "मेरे हर दुख" और "उसकी बेपनाह मोहब्बत" परिवर्तन पर ध्यान दें।

M VERMA said...

वाकई जब ख्वाब पूरे हो तो जिन्दगी मे रोशनी हो जाती है.
बखूबी आपने अपने ज़ज्बातो को व्यक्त किया है.
जीवंत चित्र भी ---

ओम आर्य said...

प्यार के एहसास तो यही है ...........प्यार प्यार ही तो है जो अद्वितीय सुख अलौकिक होने का एहसास कराते है!बेहद खुबसूरत एहसास!

SACCHAI said...

"her lamha ko foolo ki tarah khubsurat banaya ,
mere her dukh ko vo apana samja,
juba per baat aate hi use anjam diya ."

plz ho sake to ye 3 line padhker badlav karo "

" BAAKI BAHUT HI ACCHI BANI HAI RACHANA "

----- eksacchai { AAWAZ }

http://eksacchai.blogspot.com

http://hindimasti4u.blogspot.com

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति है।
बधाई!

SACCHAI said...

babali,
" badhai , ab ban padi acchi rachana . jindgi ki aur khwaish ki khubsurati chalkaker gehra pyar darshati adbhut abhivyakti ke liye aapko badhai ."

" aapne yahan dikhaya ki chahat aur khwaish ka sambandh hota hai vahi pyar ki gaherai hoti hai ."

----- eksacchai { AAWAZ }

http://eksacchai.blogspot.com

http://hindimasti4u.blogspot.com


" aapne aapki rachana ki kuch panktiya me badlav karke hume dhany kar diya ."

शरद कोकास said...

बस दो गलतियाँ हर (लम्हे) को और( उसकी) बेपनाह .. बाकी बढ़िया है ।

विजयप्रकाश said...

बबली जी, लगता है आपने मन के भावों को ही शब्दों में ढाल दिया हैं आप दोनों को बधाई.

Mumukshh Ki Rachanain said...

मैंने ख़ुद को दुनिया का सबसे ज़्यादा खुशनसीब समझा,
सारी दुनिया से बेखबर हो गई थी मैं,

बहुत खूब. ऐसी खुशनसीबी हर एक की किस्मत में नहीं होती, कारण चाहे जो हो.

हार्दिक बधाई.

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com

Mithilesh dubey said...

बहुत ही उम्दा रचना। आपने अपने जज्बातो को शब्दो के साथ बखूबी पिरोया है, ।

शागिर्द - ए - रेख्ता said...

बहुत खूब |
एक नयी रवानी है आपके अल्फाजों में
बेहतरीन रचना
जय हो... जय हो...

मनोज भारती said...

सुंदर जज्ज़बातों को सुंदर अभिव्यक्ति दी है आपने ।
जीवन में जहां इतने अंधेरे हैं
आपने उजालों को एक नई रोषनी दी है ।

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

बब्ली जी,
आपकी सभी कवितायें मैनें पढ़ी --अच्छी लगीं।सबसे खास बात यह कि आपकी ज्यादातर कवितायें सकारात्मक एप्रोच वाली हैं। शुभकामनायें।
हेमन्त कुमार

Pratap said...

gud one..its really gr8 keep it up!!

Pratap said...

v.nice keep up the gud work !!

vijay kumar sappatti said...

babli ji

namaskar

bahut dino baad aaya , maafi maang rah hon

aapki is kavita me zindagi ke prati jo positive approch hai ,wo kabile taarif hai .. mujhe ye kavita baut acchi lagi ,,, its like falling in love with life..

kudos

regards
vijay
www.poemsofvijay.blogspot.com

संजय भास्‍कर said...

बखूबी आपने अपने ज़ज्बातो को व्यक्त किया है.

SANJAY KUMAR
HARYANA
http://sanjaybhaskar.blogspot.com