रसगुल्ला
गोल गोल रसीले, अरे ये तो हैं रसगुल्ले, जो भाये मन सबका, ये मिठाई है गज़ब का !
मम्मी ने आज दोस्तों को बुलाया, अपने हाथों से बनाया रसगुल्ला खिलाया, गरमागरम रसगुल्ले खाकर सबको आनंद आया, प्यार से भरा मिठाई सबके मन को भाया !
गुजराती हो या पंजाबी, बिहारी हो या बंगाली, सबको लगे ये रसगुल्ले निराली, पूजा हो या फिर जन्मदिन, खाते रहो रसगुल्ले प्रतिदिन !
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20 comments:
रसगुल्ले तो रस+गुल्ले हैं, भला किसे नही भायेगी.
मुँह में पानी आ गया.
सुन्दर कविता
इतनी रसभरी मीठी कविता पढ़कर तो
आनन्द आ गया!
मन ललचा गया खाने के लिए रसगुल्ला!
रोसोगोल्लार मतो कोबिता .. की मिष्टी।
kavita padhte padhte muh me paani aa gaya, kya kare babliji?:)
मन ललचा गया खाने के लिए रसगुल्ला
सुन्दर कवितायें बार-बार पढने पर मजबूर कर देती हैं. आपकी कवितायें उन्ही सुन्दर कविताओं में हैं.
अरे रसगुल्ला सुनकर तो मुंह में पानी आ गया बबली जी । सुन्दर कविता ।
इन रसगुल्लों का स्वाद हम भी महसूस कर रहे हैं :)
अरे..... खाना मसाला की पोस्ट यहाँ कैसे लग गई ? स्वादिष्ट पोस्ट ।
rasgulle ki dekho chalang
australia mein de raha hai bang
babli ji mujhe mitha behad pasand hai ,khane ke baad ek sweet dish to hona hi chahiye varna khana adhoora lagta hai ,kya gol gol hai ,tarifo ke saath aese hazir huye ki khane ka lalch aap hi badh jaaye .ati sundar
aap hee ki tarah mohak hain rasgulle.
rasgulla khaane ka mann karne lgaa :)
अब खिलाओ भी तो!!
Babliji, aap waqai dilchasp haiN, bindaas haiN aur saahsi haiN. Mera salaam qubul kijiye.
very sweet like rasgulla...
अरे वाह, आपकी कविता पढकर मुंह में पानी भर आया। मुझे रसगुल्ला बहुत पसंद आया। वैसे आपको इस कविता के साथ हर पाठक के लिए एक रसगुल्ला की व्यवस्था तो करनी ही चाहिए थी।
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सांसद/विधायक की बात की तनख्वाह लेते हैं?
अंधविश्वास से जूझे बिना नारीवाद कैसे सफल होगा ?
badee meethee lagee ye kavita .
मुंह में पानी आ गया पढ़कर।
रसगुल्ला तो मुझे भी बहुत अच्छा लगता है
मगर बंगाली रसगुल्ले की बात ही निराली है।
kavita ke sath rasgulle ..bardast nahi hota ab to khane jana padega ..
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