खाली सा कुछ यूँ तो गुज़र रहा है हर एक पल ख़ुशी के साथ, फिर भी कोई कमी सी है क्यूँ ज़िन्दगी के साथ ! हर लम्हा है हसीन, नयी दिलकशी के साथ, फिर भी कोई कमी सी है क्यूँ ज़िन्दगी के साथ ! रिश्ते वफ़ायें चाहत सब कुछ है साथ, फिर भी कोई कमी सी है क्यूँ ज़िन्दगी के साथ ! आँखों में है ख़्वाब, लबों पे हँसी है साथ, फिर भी कोई कमी सी है क्यूँ ज़िन्दगी के साथ ! दिल को नहीं है कोई शिकायत किसी के साथ, फिर भी कोई कमी सी है क्यूँ ज़िन्दगी के साथ ! कुदरत भी मेहरबान है दरियादिली के साथ, फिर भी कोई कमी सी है क्यूँ ज़िन्दगी के साथ ! |
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Friday, August 20, 2010
Posted by Urmi at 12:17 AM
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22 comments:
....कुदरत भी मेहरबान है दरियादिली के साथ,
फिर भी कोई कमी सी है क्यूँ ज़िन्दगी के साथ...
sunder rachna hetu abhaar...kuch bilam se hi sahi aapko swatantrta diwas ki hardik badhai or rakshabandhan ki badhai in advance....
fir bhi koi kami se kyon hai jindagi me...........:)
bahut khub babli jee......shandaar rachna........
waise bahuto ki jindagi me bahut saareee kamiyan hoti hai......:)
so keep it up!!
बेहद प्रभावशाली!
Hi...
Etni kami to hai rahi..
har kisi ke saath...
Khushiyon ke sang gam bhi..
hote sada hain saath...
Sundar kavita...
Deepak
वाह...आपकी यह रचना मन को छू गई.सच है हम सबको सब कुछ रहते भी कई बार ऐसे लगता है जैसे कुछ कमी सी रह गई है.बड़ी खूबी से आपने हम सबके भावों को शब्दों में ढाला है.
सच में आपकी रचनाएँ तो दिल को छू लेती हैं...
बहुत अच्छी कविता है लेकिन जल्दी खत्म हो गयी । मेरा मतलब है कि थोड़ा और बढ़ाते तो अच्छा रहता ।
बबली जी आपके ब्लाग के परिचय में जो कविता आपने लगाई है। उसकी पहली ही पंक्ति क्या आपको खटकती नहीं है। फूल की नजर फूल पर जमा दिया।
आप इतना सुंदर लिखती हैं। यहां यह जैसे चावल में कंकड़ की तरह ही नजर आती है।
मेरा सुझाव है यह पंक्ति कुछ इस तरह हो सकती है-
फूल ने फूल को चुरा लिया
बहुत अच्छी कविता।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .....शुभकामनाए !
बूढी पथराई आँखें .....रानीविशाल
शानदार अभिव्यक्ति…………………बस यही एक ख्याल कचोटता रहता है कि कोई कमी सी क्यों है।
अच्छा है...
शानदार अभिव्यक्ति………
बेशक बहुत सुन्दर लिखा और सचित्र रचना ने उसको और खूबसूरत बना दिया है.
:) :).. just smile!! thanks.
यूँ तो गुज़र रहा है हर एक पल ख़ुशी के साथ,
फिर भी कोई कमी सी है क्यूँ ज़िन्दगी के साथ !
हर लम्हा है हसीन, नयी दिलकशी के साथ,
फिर भी कोई कमी सी है क्यूँ ज़िन्दगी के साथ !
बहुत ही गहरे भाव दिये हैं आपने हर पंक्ति में, बेहतरीन शब्द रचना ।
मेरे ब्लाग पर आपका आना, और प्रोत्साहन सदैव प्रोत्साहित करता है ।
कुदरत भी मेहरबान है दरियादिली के साथ,
फिर भी कोई कमी सी है क्यूँ ज़िन्दगी के साथ !उर्मी जी ,
प्रणाम !
ऊपर का शेर आप कि नज़र है . खूब सूरत रचना के लिए आप को बधाई ,
साधुवाद
Very nice....made me sad though
बहुत खूब!
bahoot achchi gazal hai, dard ko bayan karna bhi ek kala hai...
bahot sunder.
बहुत सुन्दर !
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