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Sunday, February 14, 2010



वेलेंटाइन डे

कुछ जज़्बात है खोये हुए,
पर होठों पर आकर रुक गए,
बसंती भर से गेसू मेरे,
चेहरे पर आकर रुक गए !


ये दिन है आज मोहब्बत का,
ख़ामोश रहेंगे अब,
आँखों से बयान करेंगे,
ख़ामोश ही रहेंगे लब !






15 comments:

संजय भास्‍कर said...

namaskar babli ji...

संजय भास्‍कर said...

हर रंग को आपने बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दों में पिरोया है, बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

Apanatva said...

ये दिन है आज मोहब्बत का,
ख़ामोश न रहेंगे अब,
आँखों से बयान करेंगे,
ख़ामोश ही रहेंगे लब !
bahut acchee lagee ye panktiya .Happy valentin's day .

Creative Manch said...

ये दिन है आज मोहब्बत का,
आँखों से बयान करेंगे,
ख़ामोश ही रहेंगे लब !


kya baat hai
बहुत सुन्‍दर

मनोज कुमार said...

आँखों से ... सब बयान कर देंगे .. बहुत खूब!

ktheLeo (कुश शर्मा) said...

बबली जी,
सुन्दर रचना के लिये बधाई!
यदि आप "सच में" का पता भूल गये हों तो याद दिला दूं. www.sachmein.blogspot.com
आपका स्वागत है!

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर रचना
धन्यवाद

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

ye fasaana to aankho se bayaan hota hai babli ji..

अमिताभ श्रीवास्तव said...

zazbaato ko shbdo me utarne ke liye aap maahir he, bahut khub

vijay kumar sappatti said...

bahut kuch kah diya , baali ji , itne kam shabdo me .. khamoshi hi behtar hai ..

aapka

vijay
www.poemsofvijay.blogspot.com

ज्योति सिंह said...

ये दिन है आज मोहब्बत का,
ख़ामोश न रहेंगे अब,
आँखों से बयान करेंगे,
ख़ामोश ही रहेंगे लब !
jawab nahi is andaz ka ,bahut khoob

CS Devendra K Sharma "Man without Brain" said...

utkrishta abhivyakti

Parul kanani said...

wah wah!

शरद कोकास said...

आपके एस्थेटिक्स ..सौन्दरयबोध का मै कायल हूँ कविताओं के साथ इतने सुन्दर सुन्दर चित्र कहाँ से लाती हैं आप ?

Yatish Jain said...

good one
http://oldandlost.blogspot.com/