वेलेंटाइन डे कुछ जज़्बात है खोये हुए, पर होठों पर आकर रुक गए, बसंती भर से गेसू मेरे, चेहरे पर आकर रुक गए ! ये दिन है आज मोहब्बत का, ख़ामोश न रहेंगे अब, आँखों से बयान करेंगे, ख़ामोश ही रहेंगे लब ! |
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Sunday, February 14, 2010
Posted by Urmi at 2:03 AM
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15 comments:
namaskar babli ji...
हर रंग को आपने बहुत ही सुन्दर शब्दों में पिरोया है, बेहतरीन प्रस्तुति ।
ये दिन है आज मोहब्बत का,
ख़ामोश न रहेंगे अब,
आँखों से बयान करेंगे,
ख़ामोश ही रहेंगे लब !
bahut acchee lagee ye panktiya .Happy valentin's day .
ये दिन है आज मोहब्बत का,
आँखों से बयान करेंगे,
ख़ामोश ही रहेंगे लब !
kya baat hai
बहुत सुन्दर
आँखों से ... सब बयान कर देंगे .. बहुत खूब!
बबली जी,
सुन्दर रचना के लिये बधाई!
यदि आप "सच में" का पता भूल गये हों तो याद दिला दूं. www.sachmein.blogspot.com
आपका स्वागत है!
बहुत सुंदर रचना
धन्यवाद
ye fasaana to aankho se bayaan hota hai babli ji..
zazbaato ko shbdo me utarne ke liye aap maahir he, bahut khub
bahut kuch kah diya , baali ji , itne kam shabdo me .. khamoshi hi behtar hai ..
aapka
vijay
www.poemsofvijay.blogspot.com
ये दिन है आज मोहब्बत का,
ख़ामोश न रहेंगे अब,
आँखों से बयान करेंगे,
ख़ामोश ही रहेंगे लब !
jawab nahi is andaz ka ,bahut khoob
utkrishta abhivyakti
wah wah!
आपके एस्थेटिक्स ..सौन्दरयबोध का मै कायल हूँ कविताओं के साथ इतने सुन्दर सुन्दर चित्र कहाँ से लाती हैं आप ?
good one
http://oldandlost.blogspot.com/
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