जुदाई तुम्हारी जुदाई ने हमें हर पल तड़पाया है, दर्द छुपाकर मुस्कुराना तुम्हारी जुदाई ने सिखाया है ! लोगों के दर्द को अपना समझना और उसे सहना, तुम्हारी जुदाई ने हमें सिखाया है ! तन्हाई में घुटघुट कर रोता रहता ये दिल, अफ़सोस है के तुमने हमें न समझा अपने क़ाबिल ! मेरे गम मेरी ख़ुशी से ख़ुशनसीब है, अब तो गमों ने आसुओं की कदर की है ! न जाने क्यूँ रंगीन ख़्वाबों में परछाई सी दिखती है, उस परछाई की आहट हमें बेचैन कर देती है ! अब तन्हाई साथ है और यही इत्तेफ़ाक है, मेरे जीने का सहारा अब सिर्फ तेरी यादें है ! |
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Wednesday, January 27, 2010
Posted by Urmi at 10:33 AM
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14 comments:
तुम्हारी जुदाई ने हमें हर पल तरपाया है,
दर्द छुपाकर मुस्कुराना तुम्हारी जुदाई ने सिखाया है
bahut khoob
aisa hi hota hai
ek taraf hamdam ki judaayi ek taraf duniyadari.
sundar rachna
badhayi
wah ! kya khub kaha hai aapne ...behatarin
तन्हाई में घुटघुट कर रोता रहता ये दिल,
अफ़सोस है के तुमने हमें न समझा अपने क़ाबिल !
मेरे गम मेरी ख़ुशी से ख़ुशनसीब है,
अब तो गमों ने आसुओं की कदर की है !
न जाने क्यूँ रंगीन ख़्वाबों में परछाई सी दिखती है,
उस परछाई की आहट हमें बेचैन कर देती है !
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
bahut khoob .......tanhai mein yahi hall hota hai
भावावेग की स्थिति में अभिव्यक्ति की स्वाभाविक परिणति दीखती है।
acchee rachana...
kya baat hai babli ji..
ek ek taar dil ki jhanjhanaa utthi...
bahut badhiyaa
दर्द छुपाकर मुस्कुराना तुम्हारी जुदाई ने सिखाया है
kya baat hai babli ji..
LAJWAAB RACHNAA....
रचना के भाव बहुत अच्छे हैं!
कविता में छन्द भी तो....!
Apki hanshmukh tswir hi kafi hai ye batane ke liye ki aapkitani hansmukh hain..
Babli je bahut khusi hoti hai jab aap jaise hindi ke pujari hindi ki dharti se dur hote huye bhi iska hath nahi chhodate...thik iske viprit aaj apne hi ghar men hindi shangharshon se jujar rahi hai... dil se aapko bahut bahut badhai..
गम नहीं कर मुस्कुरा |जीने का लेले मज़ा बबली ये जिन्दगी है ख़ूबसूरत बला|
सुन्दर शब्द रचना, बधाई ।
कविता अच्छी है लेकिन तस्वीर अजीब लग रही है
जुदाई के दर्द को बहुत नायाब और भावनत्मक रूप से पेश किया । सुन्दर लेख ।
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
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