झूठे जग का झूठा नाता घर के चारों ओर, नन्ही चिड़िया मन की सच्ची,मचा था कितना शोर, दाना खाती लगती अच्छी ! मेहनत से घोंसला बनाया, चुन कर तिनके उसे सजाया, लेकिन टूट गया संसार, बिखर गया उसका घर-बार ! कौन संवारे उसके घर को, भटक रही है वो दर-दर को, अण्डे देगी कहाँ बिचारी, चिड़िया फिरती मारी-मारी ! क्या होगा उस मासूम चिड़िया का, उसकी व्यथा कोई समझ न पाता, सब अपने काम में उलझे रहता, झूठे जग का झूठा नाता ! |
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Thursday, April 8, 2010
Posted by Urmi at 3:16 AM
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22 comments:
कौन संवारे उसके घर को,
भटक रही है वो दर-दर को,
अण्डे देगी कहाँ बिचारी,
चिड़िया फिरती मारी-मारी !
kya baat hai....dil mein utar gayi....
mere blog par is baar...
तुम मुझे मिलीं...
jaroor padhein...
nice
उसकी व्यथा कोई समझ न पाता,
सब अपने काम में उलझे रहता,
झूठे जग का झूठा नाता !
इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
ग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है
कविता सुन्दर है ... सहज सरल भाषा में लिखी हुई है ...
वाह...इस कविता ने तो भावुक ही कर दिया.
सहज सरल भाषा में लिखी सुन्दर कविता
बहुत-बहुत
बधाई और शुभकामनायें
विचारोत्तेजक!
बबली बहन, आपके विचार बड़े स्पष्ट हैं..और एक मासूमियत है आपकी कविता में..
कौन संवारे उसके घर को,
भटक रही है वो दर-दर को,
अण्डे देगी कहाँ बिचारी,
चिड़िया फिरती मारी-मारी !
...पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर
भावनाओं से ओत प्रोत अच्छी रचना..
कविता की पंक्तियां बेहद सारगर्भित हैं।
बहुत ही सुन्दर और सटीक कविता है... सच है और सच्चाई से कही कही गयी है...चिड़िया के दर्द को कह कर आपने जाने कितनो के दर्द पे मलहम लगा दिया है...
खूबसूरत प्रस्तुति...आपका ब्लॉग बेहतरीन है..शुभकामनायें.
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इस अच्छी और सच्ची प्रस्तुति के लिए बधाई!
aapki yeh rachna itni achhi hai...
main dobaara chala aaya.....
Sundar,saral aur prabhavi.shubbkamnayen.
mere blog par pehli baar english poem jaroor padhein....
ब्लॉग के चित्र पर लगी कविता ने ही दिल को चुरा लिया.....पर नीचे चिड़िया का दर्द....सही में घर का बसना फिर उजड़ना दर्द दे जाता है, पर छोटी चिड़िया हार नहीं मानती, हम इंसान हार मान जाते हैं.....आखिर क्यों?
चिड़िया की व्यथा कथा को बखूबी उकेरा है आप ने।इन प्रतीकोँ के माध्यम से पाठक ठीक अपने पास से आरम्भ कर बहुत दूर तक की यात्रा कर सकता है।बधाई हो!
क्या होगा प्यारी चिड़िया का,
कोई व्यथा समझ न पाता,
अपने काम में सब हैं उलझे,
झूठे जग का झूठा नाता!
Wah !! Bahut Hi acha lagi ye najm ..
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