सूरज सूर्योदय और सूर्यास्त नियमित होता है, सुख और दुःख में जीवन व्यतीत होता है ! सूरज के उगते ही दिन की शुरुआत होती है, हर तरफ चहल पहल और मुस्कराहट होती है ! लोग नौकरी पर और बच्चे पढ़ने जाते हैं, दिनभर सब काम में उलझे रहते हैं ! सूरज के ढलते ही पंछी घर लौट आते हैं, संध्या का आगमन होने का एहसास दिलाते हैं ! राह देखते हैं सब सवेरा होने का, कामना करते हैं अगले दिन मंगलमय होने का ! |
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Sunday, April 18, 2010
Posted by Urmi at 10:55 PM
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18 comments:
सूरज के ढलते ही पंछी घर लौट आते हैं,
संध्या का आगमन होने का एहसास दिलाते हैं !
vaah,suryoday ka khubsurat varnan.
ग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
सहज सरल भाषा में सुन्दर कविता !
bahut khub
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
आप प्रतिदिन की बातों से अपनी कविता के विषय चुनती है और फिर उन्ही साधारण बातों में नई बात पैदा कर देती हैं.यही आपकी खूबी भी है.इसी तरह लिखते रहिये. एक बात और...आपका नया प्रोफाईल फोटोग्राफ काफी अच्छा है.
अनमोल वाक्यों का सुन्दर प्रस्तुतिकरण!
बहुत सुंदर सुनहरे रंग मै रंगा चित्र ओर उस से भी सुंदर कविता
धन्यवाद
bahut hi achhi prastuti...
suraj ki dincharya bahut khub.....
regars
shekhar
http://i555.blogspot.com/
सरल, सुन्दर भाव,शुभकामना!
अनमोल वाक्यों का सुन्दर प्रस्तुतिकरण
आपने तो एक पेंटिंग बना डाली... बहुत ख़ूबसूरत!!
bahut pyaree rachana.......
tajgee ka ehsaas de gayee.
Your blog is like a rainbow.i am your fan.pls see my blog and comment.jaikrishnaraitushar.blogspot.com
सुख और दुख जीवन के दो पहिये है
दोनों में किसी के साथ बंधना अक्लमंदी
नहीं है इंसान सम रहे तो सुख और दुख
प्रभाव नहीं करते..वैसे मेरी ये बात सबको
अजीब लगेगी पर सुख की तुलना में दुख
बेहतर है क्योंकि ये हमें मजबूत बनाता है
आत्मचिंतन की ओर ले जाता है और अपने
पराये का बोध कराता है..वैसे हँसमुख लोग
इन बातों की परवाह नहीं करते ..
राह देखते हैं सब सवेरा होने का,
कामना करते हैं अगले दिन मंगलमय होने का !
How very positive!
नई सुबह नई शुरुआत... सुन्दर कविता...
सूरज दादा पर बहुत सुन्दर लिखा..अच्छा लगा.
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'पाखी की दुनिया में' पुरानी पुस्तकें रद्दी में नहीं बेचें, उनकी जरुरत है किसी को !
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