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Friday, May 21, 2010


उदास मन

मन बहुत उदास है,
बुझती न मेरी प्यास है !

वो जल्द चलकर आयेंगे,
इतना मुझे विश्वास है !

उनके जाने का अफ़सोस है,
मन बहुत उदास है !

राह सब अंजान हैं,
काँटों भरे मुकाम है !

देते चुभन हमको घनी,
है मित्रता इनसे घनी !

डर ही तो रहता पास है,
मन बहुत उदास है !

17 comments:

Unseen India Tours said...

Udasi par bahut sundar varnan kiya hai apne !!Ek shandar prastuti !!

SACCHAI said...

मन है बहुत उदास है,
बुझती न मेरी प्यास है !

bahut hi acchi rachana per aapko badhai

....eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com

आलोक साहिल said...

सपाट, लेकिन सुंदर...

आलोक साहिल

संजय भास्‍कर said...

सुंदर शब्दों के साथ.... बहुत सुंदर अभिव्यक्ति....

संजय भास्‍कर said...

Babli ji..
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.


sanjay bhaskar

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

वो जल्द चलकर आयेंगे,
इतना मुझे विश्वास है !

bahut sundar!

Anonymous said...

bahut hi marmik chitran hai udaasi ka...
achhi rachna ke liye badhai sweekaar karein...
mere blog par aane ke liye dhanyawaad..
yun hi utsaahwardhan karte rahein..........

M VERMA said...

सुंदर अभिव्यक्ति....

Deepak Shukla said...

Hi,


ye unkahi si pyaas kyon,
Etne ho kyon ho udaas tum,
jo man main tere saath hai,
uske sada ho paas tum...

wo door ho chahe jahan,
ek din wo vapas aayega..
tere hi dar pe aake wo...
palkon ko fir bichhayega..

wo laut ke aa jayega..
fir se na vapas jayega...

Udaasi chhoden, khush rahen...

Deepak..

मुकेश कुमार सिन्हा said...

"mann bahut udass hai"

hamara bhi.....aapki kavita padh kar...:)

kyonki ham nahi chahte, aaap udas ho...

god bless!! pyari rachna...

मनोज कुमार said...

इसी विश्वास पर तो दुनिया कायम है।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

बबली बचिया.. अब हमको त सायरी नहीं आता है, गुलजार साहेब का एक लाइन एकदम फिट बैठता है:
जब भी ये दिल उदास होता है
जाने कौन आस पास होता है.
बाकी तुमरा कविता में भी कमाल का असर है..जियो!!

चैन सिंह शेखावत said...

सीधी सरल निश्छल अभिव्यक्ति.
बधाई.

संजय भास्‍कर said...

आपकी रचनाओं में एक अलग अंदाज है,

Nisha said...

its a very nice rhythmic composition..congratulation. aur dua hai aapko jald hi khushi mile!

ओम पुरोहित'कागद' said...

उदासियोँ को
छोड़ो दोस्त
उदास होने से
ऐहसास कब टलता है।
दिल भी दिल है
कभी मचलता है
कभी जलता है।
यूं उदास होना
खुद को न सही
दोस्तोँ को खलता है।
जब भी
कुछ कुछ होता
कागज पर
पैन चलता है
या फिर
दिल जलता है।

hem pandey said...

'डर ही तो रहता पास है,
मन बहुत उदास है !'

यह उदासी और डर क्षणिक है क्योंकि-

'वो जल्द चलकर आयेंगे,
इतना मुझे विश्वास है !'