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Wednesday, February 8, 2012

झरना

झरता जाये,
झरना निरंतर,
गाता सस्वर !

गीत गूंजते,
मिल नाचे उर्मियाँ,
खिले नयन !

सुन्दर शोभा,
बहे पानी निर्मल,
जगे झरना !

खूब नहाये,
है आनंद मनाये,
खिलखिलाएँ !

मधुर गीत,
झरने के संग में,
गाये पंछी !

निहारूँ इसे,
ये बच्चों-सा उछले,
अपूर्व दृश्य !

उमंग भरा,
परिवार लगता,
सदा अनूठा !