क़ाश क़ाश ये दिल यूँ उदास न होता, तुमसे मिलकर यादों में खोया न होता, दिल में इतना हमारे प्यार न होता, तुम्हारे लिए मन बेक़रार न होता ! तुम्हें जाने का कोई गम नहीं है, प्यार दिया तुमने जितना वो कम नहीं है, न जाने आँखें क्यूँ नम है मेरी, रोकना चाहूँ खुदको पर रूकती ही नहीं ! चेहरा तुम्हारा रहता हैं आँखों में हरदम, नाम लबों पर और कहती है धड़कन, तुम्हारा हमारा ये कैसा है बंधन, अजनबी होकर क्यूँ लगते हो मेरे हमदम ! न मिल कर भी तुमसे मिल चुकी हूँ, लगता है जैसे बरसों से तुम्हें जानती हूँ, सबके साथ रहकर मैं तन्हा महसूस करती, अपने मन की बात किसीसे कह नहीं पाती ! |
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Sunday, December 12, 2010
Posted by Urmi at 7:37 PM
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39 comments:
यह तो बहुत सुन्दर कविता है.
पाखी की दुनिया में भी आपका स्वागत है.
बहुत सुन्दर भावनात्मक कविता !
दिल में इतना हमारे प्यार न होता,
तुम्हारे लिए मन बेक़रार न होता !...
बहुत सुन्दर कविता.
It is so nice. Really nice.
क्या बात है सबकुछ कह दिया और यह भी कह दिया कि मन की बात किसी से कह नहीं पाती!!
बहुत सुंदर!!
क़ाश ये दिल यूँ उदास न होता,
तुमसे मिलकर यादों में खोया न होता,
दिल में इतना हमारे प्यार न होता,
तुम्हारे लिए मन बेक़रार न होता ......bahut khoobasoorat lavj.
चेहरा तुम्हारा रहता हैं आँखों में हरदम,
नाम लबों पर और कहती है धड़कन,
तुम्हारा हमारा ये कैसा है बंधन,
अजनबी होकर क्यूँ लगते हो मेरे हमदम ...
इसी को इश्क़ की शुरुआत कहते हैं ... जबरदस्त लिखा है ...
बबली जी,
इतना सब तो तब होता है जब किसी को किसी से प्यार हो जाता है.
कही कोई प्यार व्यार का चक्कर तो.............
आपने इस बार तो बहुत बहुत बहुत ही सुन्दर लिखा है .बधाई आपको.
चेहरा तुम्हारा रहता हैं आँखों में हरदम,
नाम लबों पर और कहती है धड़कन,
तुम्हारा हमारा ये कैसा है बंधन,
अजनबी होकर क्यूँ लगते हो मेरे हमदम !
वाह...
बहुत सुन्दर कविता है, बधाई.
that was great.. with a slight twist and turn it will be a perfect love letter... :)
it is something like in the movie jab we met... "tumhe maalum hain tumpe toh koi bhi ladki fida ho sakti hain"...
Nice one babli
न मिल कर भी तुमसे मिल चुकी हूँ,
लगता है जैसे बरसों से तुम्हें जानती हूँ,
प्रेम की कोमल भावनाओं से परिपूर्ण सुन्दर अभिव्यक्ति...
प्रेममयी भावों की सुंदर अभिव्यक्ति
sundar kavita...
बहुत सुन्दर रचना है
bahut badhiya babli jee!
pyaar dil main jab gehra hota hain,
to isi tarah yeh man udaas hota hain.
na mil sakoge hume tum, yeh jaante hain.
fir bhi tumhe paane ke liye ye dil
bekraar hota hain.
aapne bahut sundar kavita likhi hain.
isi tarah likhte rahiye.
बहुत सुन्दर कविता
बहुत सुन्दर।
आदरणीय बबली जी,
नमस्कार !
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
शब्द जैसे ढ़ल गये हों खुद बखुद, इस तरह कविता रची है आपने।
"माफ़ी"--बहुत दिनों से आपकी पोस्ट न पढ पाने के लिए ...
बहुत सुंदर कविता। बधाई।
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दिल्ली के दिलवाले ब्लॉगर।
खूबसूरत अहसास...सुन्दर कविता ...बधाई.
'सप्तरंगी प्रेम' के लिए आपकी प्रेम आधारित रचनाओं का स्वागत है.
hindi.literature@yahoo.com पर मेल कर सकती हैं.
sunder abhivykti..ehsaso kee.
kaun hai wo???:)
bahut pyari rachna....isq ki shuruat hai ya yaad, ye to aap kahengi..:)
babli jee kabhi hamare blog pe aayen..
इसी को इश्क़ की शुरुआत कहते हैं ... जबरदस्त लिखा है ...
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
"माफ़ी"--बहुत दिनों से आपकी पोस्ट न पढ पाने के लिए ...
नाज़ुक भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति.
babli ji
bahut bahut hi sundar aur pranay bhare bhavnaao ki behatreen prastuti.
न मिल कर भी तुमसे मिल चुकी हूँ,
लगता है जैसे बरसों से तुम्हें जानती हूँ,
सबके साथ रहकर मैं तन्हा महसूस करती,
अपने मन की बात किसीसे कह नहीं पाती !
bahut hi khoobsurat,bilkul aapki tarah--;)
marry christmas
poonam
नए साल पर हार्दिक शुभकामना .. आपकी पोस्ट बेहद पसंद आई ..आज (31-12-2010) चर्चामंच पर आपकी यह रचना है .. http://charchamanch.uchcharan.blogspot.com.. पुनः नववर्ष पर मेरा हार्दिक अभिनन्दन और मंगलकामनाएं |
नव वर्ष 2011
आपके एवं आपके परिवार के लिए
सुखकर, समृद्धिशाली एवं
मंगलकारी हो...
।।शुभकामनाएं।।
satya ahinsha sadagi rahe pyar ke sang.rahe aapke blog par indradhanush ka rang.pure parivar ko kangaruon ke desh me mery shubhkamnayen.wish you a happy new year
बहुत खूब ...शुभकामनायें आपके लिए !
बेहतरीन
babli ji bahut dino se aapne kuch naya post nahi kiya.....ho jaye kuch naya...:))
nice poem...
ati sunder
---sahityasurbhi.blogspot.com
nice,,really love the poem!
bahut sundar...
bahut khubsurat hai aapki ye kabita...utni hi jitni aap khud ho...
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