इंतज़ार
खामोश से रहने लगे हैं हम, इंतज़ार किसीका करने लगे हैं हम !
यकीनन किसीसे हुई है मोहब्बत, बिना बात ही मुस्कुराने लगे हैं हम !
दिल पूछता है बस ये एक सवाल के, कोई हमारा या किसीके होने लगे हैं हम !
डर है किसीके खो जाने का, जाने कैसा ख्वाब बुनने लगे हैं हम !
अब तो हर चीज़ से हो जाता है प्यार, दूसरो को भी प्यार सिखाने लगे हैं हम !
ये कलम भी प्यार की हो गई दीवानी, बस प्यार ही प्यार लिखने लगे हैं हम !!
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20 comments:
ये कलम भी प्यार की हो गई दीवानी,
बस प्यार ही प्यार लिखने लगे हैं हम..माशा अल्हा क्या खूब लिखा है बबली जी,आपकी कविता से जैसे प्यार सा हो जाता है!!!!!!
डर है किसीके खो जाने का,
जाने कैसा ख्वाब बुनने लगे हैं हम !
waaqai mein sachche pyar mein khone ka darr hi daraa deta hai...... aur yahi khone ka darr hi pyar ko aur badhata hai..... possesiveness ....... ko aur mazboot karta hai......
poori kavita apne aap mein ultimate hai........
is kavita se har insaan khud ko juda hi mehsoos karega......
dil jigar dono ghayal huve ....siddhi baat aur gaherai bhare saaf alfaz sach me daar hai kho jane ka "
----- eksacchai { AAWAZ }
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ये कलम भी प्यार की हो गई दीवानी,
बस प्यार ही प्यार लिखने लगे हैं हम !!
बहुत खूब उर्मी जी बेहतरीन बहुत अच्छा लगा आपके नए ब्लाग पर आकर
प्यार
शब्द ही है ऐसा कि कापी में बार बार लिखा जाये फिर छिपाते हुये मुस्कुराया जाये!
यकीनन किसीसे हुई है मोहब्बत,
बिना बात ही मुस्कुराने लगे हैं हम !
ऐसा ही होता है
यह अहसास ही भुला देता है सबकुछ
शरीर भले ही स्थिर दिखे
हृदय में हो रहे नर्तन को
छिपा नही पाता है कोई ।
Very beautiful!
प्यार में यही तो होता है। आप सदा प्यार से सराबोर रहें ये दुआ है मेरी।
अरे वाह...!
उर्मी जी।
आपने बहुत बढ़िया अशआरों से सजाया है, अपनी शायरी को।
बधाई!
बहुत बढ़ियां...
सोचता हूं ये सवाल कब तक सताएगा जिसमे खोने लगे हैं हम,
जब नींद नहीं आती, ख्वाब खुली आँखों से दिखते हैं
सताता है हर एक पल, अब तो रात को उसकी याद में रोने भी लगे हैं हम।
ati sunder....
Ati Sundar [Pyaar Baante ]CHALO khoob bhaalo
pyaar me kabhi kabhi esa ho jaataa he, chhoti chhoti baato ka fasana ban jaataa he...,
esa hi koi geet he/ kher..prem chij hi esi hoti he ki usame sabkuछ् azeeb saa hota he,,,
isi azeeb sa hone ko to kahte he-
ये कलम भी प्यार की हो गई दीवानी,
बस प्यार ही प्यार लिखने लगे हैं हम !!
प्यार में ऐसा ही होता है। सुंदर चित्रण।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
not much to praise about...
I would like to say... jabardast kavita boss...
You have a good talent...
Insallah :) Itna pyar to khuda ne kisi se kiya hoga :) Zara Soche issi Jazzbat se hum agar Zahan mein Jiye to Har cheez Jannat se kam na hoga:)
बस प्यार ही प्यार लिखने लगे हैं हम !
लाजवाब । आभार ।
क्या बात है बहुत खुब\
बेहतरीन ... बेहतरीन.
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
कम शब्दों में बहुत सुन्दर कविता।
बहुत सुन्दर रचना । आभार
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