skip to main |
skip to sidebar
दर्द-ए-दिल
शाम होते ही चिरागों को बुझा दिया, तेरी याद में अपने दिल को जला दिया !
क्या करें शायद अपनी राहें जुदा हैं, वफ़ा बस नाम की है, बेवफ़ाई का फ़साना है !
मोहब्बत किया और उसे पहचाना हमने, दिल की बेचैन उमंगों को मिटा दिया तुमने !
रात के जलते दिये दिन में बुझ गए, तेरे प्यार की हर वो यादें मिट गए !
जाने क्या क्या वादा किया था तुमने, पलभर का तेरा साथ भी न पाया हमने !
आसमां पर लिखकर जाऊँ है प्यार तुझसे, इस दिल में तेरे प्यार का चिराग जलता रहे !
|
---|
23 comments:
आसमां पर लिखकर जाऊँ है प्यार तुझसे,
दिल में तेरे प्यार का चिराग जलता रहे !
...darde dil bayan karati khubsurat rachna.
उर्मी जी नमस्कार ! बहुत ही खूबसूरत अहसासोँ को पिरोया हैँ आपने इस रचना मेँ। आभार! -: VISIT MY BLOG :- जमीँ पे हैँ चाँद छुपा हुआ।.......... कविता को पढ़कर अपने विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित है। आप इस लिँक पर क्लिक कर सकती हैं।
दर्दे दिल कुछ इस कदर दे दिया है कि
दर्द न हो तो ज़िंदगी बेकार लगती है ....
खूबसूरत रचना .
....आसमां पर लिखकर जाऊँ है प्यार तुझसे,
दिल में तेरे प्यार का चिराग जलता रहे !
खूबसूरत रचना .
तेरी याद में अपने दिल को जला दिया...अच्छी भावाभिव्यक्ति.हमेशा की तरह चित्र भी सुंदर है.
bahut hi khubsurat rachna ek baar phir se....
aapki lekhni ka to kayal ho gaya hoon...
bahut khub...
शाम होते ही चिरागों को बुझा दिया,
तेरी याद में अपने दिल को जला दिया।
मन में छाप छोड़ने वाली अच्छी पंक्तियां।
Very very nice as usual. One has to write a poem to describe your poetry.
शाम होते ही चिरागों को बुझा दिया,
तेरी याद में अपने दिल को जला दिया।
....खूबसूरत मनोभाव के प्रस्तुति
जाने क्या क्या वादा किया था तुमने,
पलभर का तेरा साथ भी न पाया हमने !
वाह जबाब नही जी, बहुत सुंदर.
बबली, हर बार के तरह मन के भावों को सचाई से बयान करने वाली कविता!
मेरे ब्लॉग पर मेरी नयी कविता संघर्ष
bahut sundar likha hai aapne babli ji...
मनोभावों को बयां करती बेहतरीन रचना.........
खूबसूरत रचना के लिए बधाई
भई वाह..क्या बात है
शानदार प्रस्तुति ....
इसलिए आपको आभार .
asma par likh kar jaun
iss dil me tere pyar ki chirag jalti rahe..:)
bahut khub babli jee....:) itna pyar!!
kya baat hai........:)
एक बहुत पुराना शेर है ... शाम होते ही चरागों को बुझा देता हूँ / दिल ही काफी है तेरी याद मे जलने के लिए " इस शेर से प्रेरित यह पंक्तियाँ अच्छी लगीं ।
" urmi ..behatarin prastuti ke liye dhanyawad "
----- eksacchai { AAWAZ }
राहुल गाँधी याने .. सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली |
http://eksacchai.blogspot.com/2010/10/blog-post_07.html#links
बहुत सुंदर हैं आपके ब्लोग्स ,कविता और शाएरी भी अच्छी लगी । खानामसाला ने तो भूख ही बढ़ा दी । बहुत शुभकामनायें ।
जाने क्या क्या वादा किया था तुमने,
पलभर का तेरा साथ भी न पाया हमने !
आह, कितना दर्द है प्यार में
har sher khubsurat bahut bahut mubarak
खूबसूरत अहसासों की सुन्दर प्रस्तुति : साधुवाद।
एक अंदाज़-ए-बयां ये भी-
गुज़र गई है मगर रोज़ याद आती है
वो एक शाम जिसे भूलने की हसरत है
#ज़ीशान_साहिल #shaam
Post a Comment