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Thursday, June 9, 2011


सिर्फ़ इतना

सिर्फ़ इतना ही कहा है प्यार है तुमसे,
जज़्बात ने मेरे कोई साज़िश नहीं की !

प्यार के बदले में सिर्फ़ प्यार माँगा है,
किसी रिश्ते की कोई गुज़ारिश नहीं की !

चाहो जब भुला देना तुम हमें दिल से,
सदा याद रखने की सिफ़ारिश नहीं की !

ख़ामोशी से तूफ़ान को भी सह लेते हैं जो,
उन बादलों ने इज़हार की बारिश नहीं की !

तुम्हें ही तो माना है हमनें सब कुछ अपना,
और तो किसी चीज़ की ख्वाइश नहीं की !

41 comments:

shyam gupta said...

वाह क्या समर्पण है ...

रश्मि प्रभा... said...

ख़ामोशी से तूफ़ान को भी सह लेते हैं जो,
उन बादलों ने इज़हार की बारिश नहीं की !
kuch hatke ... bahut hi badhiyaa

udaya veer singh said...

मम्स्परसी रचना को साधुवाद ,आपको पढ़ा लेखन सराहनीय है यूं ही
लेखनी सत्तत गतिमान रहे ,शुक्रिया जी /

डॉ. मोनिका शर्मा said...

तुम्हें ही तो माना है हमनें सब कुछ अपना,
और तो किसी चीज़ की ख्वाइश नहीं की !

बहुत सुंदर ...

Anonymous said...

चाहो जब भुला देना तुम हमें दिल से,
सदा याद रखने की सिफ़ारिश नहीं की !

kuch khas hain in lines main

Yashwant R. B. Mathur said...

ख़ामोशी से तूफ़ान को भी सह लेते हैं जो,
उन बादलों ने इज़हार की बारिश नहीं की !

बहुत बढ़िया.

सादर

Jyoti Mishra said...

this is what we call selfless love !!

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

हम जानते है कि आप गज़ब की फनकार हैं बबली जी
इसीलिए कभी हमने आपके हुनर की आज़माइश नही की

संजय भास्‍कर said...

तुम्हें ही तो माना है हमनें सब कुछ अपना,
और तो किसी चीज़ की ख्वाइश नहीं की !
...भावमयी प्रस्तुति हेतु आभार...

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुन्दर...बेहद भावपूर्ण पंक्तियां...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

प्यार के बदले में सिर्फ़ प्यार माँगा है,
किसी रिश्ते की कोई गुज़ारिश नहीं की !

बहुत सुन्दर

मनोज कुमार said...

इस कविता में लगता है सारे शब्द सीधे दिल से निकल कर आए हैं। बहुत अच्छी लगी आओअकी यह नज़्म।

vandana gupta said...

वाह वाह बहुत सुन्दर ख्याल प्रस्तुत किया है।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

समर्पण की भावना को लेकर लिखी गई
बहुत सुन्दर ग़ज़ल!

Sunil Kumar said...

चाहो जब भुला देना तुम हमें दिल से,
सदा याद रखने की सिफ़ारिश नहीं की
दिल को छू लेने वाली ग़ज़ल हर शेर खुबसूरत , बधाई

Rachana said...

प्यार के बदले में सिर्फ़ प्यार माँगा है,
किसी रिश्ते की कोई गुज़ारिश नहीं की
wah wah ..lajavab
rachana

Patali-The-Village said...

बहुत सुन्दर ख्याल प्रस्तुत किया है। धन्यवाद|

Amrit said...

You just keep telling good poem - (aur kisi cheej ki gujarish nahin).

Very good poem

Bharat Bhushan said...

भोले प्रेम की भोली अभिव्यक्ति. बहुत सुंदर.

Udan Tashtari said...

उम्दा ख्याल-बेहतरीन अभिव्यक्ति!!

Vivek Jain said...

ख़ामोशी से तूफ़ान को भी सह लेते हैं जो,
उन बादलों ने इज़हार की बारिश नहीं की !

बहुत सुंदर
साभार- विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

Kunwar Kusumesh said...

वाह, क्या बात है.बहुत बढ़िया तरह से इज़हार किया है.

G.N.SHAW said...

उर्मी जी ..आस्था और विश्वास दृढ होनी ही चाहिए ! जो हमारे पथ निर्धारण करते है ! बहुत सुन्दर

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

सुन्दर

पूनम श्रीवास्तव said...

प्यार के बदले में सिर्फ़ प्यार माँगा है,
किसी रिश्ते की कोई गुज़ारिश नहीं की !
Bahut baehatareen panktiyan....sach me apki is rachna me samarpan aur prem ko sahi mayne me rekhankit kiya gaya hai....
Poonam

अजय कुमार said...

पूर्ण समर्पित

Kailash Sharma said...

चाहो जब भुला देना तुम हमें दिल से,
सदा याद रखने की सिफ़ारिश नहीं की !

....लाज़वाब समर्पण...बहुत ख़ूबसूरत गज़ल..

वीना श्रीवास्तव said...

तुम्हें ही तो माना है हमनें सब कुछ अपना,
और तो किसी चीज़ की ख्वाइश नहीं की !

बहुत ही खूबसूरत....वाह...

सहज साहित्य said...

म्हें ही तो माना है हमनें सब कुछ अपना,
और तो किसी चीज़ की ख्वाइश नहीं की !
ये पंक्तियाँ बहुत खूबसूरत हैं उर्मि जी !

SACCHAI said...

चाहो जब भुला देना तुम हमें दिल से,
सदा याद रखने की सिफ़ारिश नहीं की !

ख़ामोशी से तूफ़ान को भी सह लेते हैं जो,
उन बादलों ने इज़हार की बारिश नहीं की !

..adbhoot rachana

badhai

जयकृष्ण राय तुषार said...

सुंदर कहन बधाई |

Amrita Tanmay said...

Aah...bahut sundar likha hai...

Dr (Miss) Sharad Singh said...

चाहो जब भुला देना तुम हमें दिल से,
सदा याद रखने की सिफ़ारिश नहीं की !

बहुत ही प्यारा शेर...
बहुत मासूम-सी ग़ज़ल...
बहुत खूब.

M VERMA said...

प्यार के बदले में सिर्फ़ प्यार माँगा है,
किसी रिश्ते की कोई गुज़ारिश नहीं की
खूबसूरत गज़ल

रविकर said...

भावमयी प्रस्तुति

किसी रिश्ते की कोई गुज़ारिश नहीं

Dr. Naveen Solanki said...

waah kya baat h....dil ke taaro ko chhoo jane wali kavita........:)



REGARDS
NAVEEN SOLANKI
http://drnaveenkumarsolanki.blogspot.com/

Anamikaghatak said...

atyant sundar kavita ban pada hai....abhar

RameshGhildiyal"Dhad" said...

tuhari iltja aur gujarish-o-dard ko bade hi maasumiyat ke saath kaghaz ke seene pe utaar diya..waah..waah..bahut hi sundar rachna....

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

बबली जी प्रियतम के प्रति सुन्दर सहज समर्पण जब प्यार से नजरों में बस दिलदार पर छा गयी तो और क्या मांगोगी -बधाई हो

तुम्हें ही तो माना है हमनें सब कुछ अपना,
और तो किसी चीज़ की ख्वाइश नहीं की !

शुक्ल भ्रमर ५

Rakesh Kumar said...

तुम्हें ही तो माना है हमनें सब कुछ अपना,
और तो किसी चीज़ की ख्वाइश नहीं की !

यह तो प्यार की परिकाष्ठा है,पूर्ण समर्पण ओर भक्ति की सुन्दर अभिव्यक्ति है.आपका मै किन शब्दों में आभार प्रकट करूँ इस अनुपम प्रस्तुति के लिए.
मेरे ब्लॉग पर आप आकर मुझे अत्यंत खुशी प्रदान करती हैं.आपकी सहृदयता को दिल से नमन.
.
मेरे यूरोप का टूर आनंदकारी रहा.आठ देशों को थोडा थोडा देखने का मौका मिला. यू.के.,हालैंड,बेल्जियम,फ्रांस ,जर्मनी,स्विजरलैंड,
इटली ओर वैटिकन सिटी.

Unknown said...

chitr sahit sabhi rachanaye pasand aayi babali.sadhuwad