बेसहारा औरत एक औरत, मासूमियत भरी, देखती रही ! आँखें नम-सी, भूख से तड़पती, पैसे माँगती ! दिल ने कहा, बेबसी देखकर, करूँ मदद ! पूछा उससे, क्यूँ माँग रही भीख, कुछ न बोली ! सिर हिलाए, समझाना चाहती, वो तो गूँगी थी ! तरस आया, बेचारी असहाय, वो थी अकेली ! उसे बुलाया, संग घर ले आयी, पनाह दे दी ! खुश हो गई, काम करना सीखा, मिली ज़िन्दगी ! |
---|
Monday, October 31, 2011
Posted by Urmi at 12:30 AM
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
39 comments:
उसे बुलाया,
संग घर ले आयी,
पनाह दे दी !
सहारा देने के पावन प्रयास को नमन!
aapne bahut nek kaarya kiya...superb.... और कविता की भावना को भी नमन..
बहुत अच्छी व प्रेरणादायक सोच !
किसी के जीवन को सकारात्मक रूप से बदलने का एक मात्र तरीका. कई मानव जीवन इस प्रकार गरिमामय जीवन जी सकते हैं.
उसे बुलाया,
संग घर ले आयी,
पनाह दे दी !
पनाह के साथ नयी जिंदगी दे दी... इस पावन प्रयास को नमन है... सुन्दर रचना...
बहुत सुन्दर भाव .. ऐसे ही कुछ लोगों की ज़िंदगी को पनाह मिल जाए .
bhaut hi achi poem hai..
खूबसूरत प्रस्तुति , आभार .
एक साथ कई रंग !
सुन्दर भाव ..
काश ..
आपकी पावन भावना और सुन्दर प्रयास
बहुत ही सराहनीय है.
काश! हम सब में दुखियारों को मदद
करने की भावना का उदय हो.
आभार.
आप 'नाम जप' के बारे में मेरी पोस्ट पर
अपने अमूल्य विचार और अनुभव बताईयेगा.
सुंदर हाइकु कविता
गरीब असहाय जर्रूरत मंद लोगों की मदद करनी चाहिए,प्रेरणादायक अच्छी सुंदर पोस्ट...
सुंदर भावना लिए कविता .....
Sad & Sweet post poem
uttam....
बहुत अच्छी हाइकु कविता...सहृदयता का परिचय देती हुई|बधाई.
दया और सहानुभूति कार्यरूप में परिणित हो इससे बड़ा कार्य और कुछ नहीं हो सकता है.यही सच्ची सेवा है.पूजा भी यही है.
sabhi HAIKU badhiya hain.
बहुत सार्थक और प्रेरक भाव...
बहुत खुबसूरत प्रस्तुति ....
रचना अच्छी बनी है।
manviya drishti ko piroti yeh kavita mun ko chhuti hai,apne ek achchhe vishay ko chhua hai kiske liye mai apko badhai deta hoon.
बहुत सुन्दर रचना ...आपको हार्दिक बधाई.
बहुत खूब...मजे़दार सोच..शुभकामनायें ।
maarmik....ati sundar
खूबसूरत प्रस्तुति , आभार .
बहुत दयापन और मदद का भाव लिये इस रचना के लिये बधाई..
मेरी नई पोस्ट के लिये आपका स्वागत है ..
excellent.
bahut hi saarthak aur sunder prastuti.bahut badhaai aapko.
मुझे ये बताते हुए बड़ी ख़ुशी हो रही है , की आपकी पोस्ट आज की ब्लोगर्स मीट वीकली (१६)के मंच पर प्रस्तुत की गई है /आप हिंदी की सेवा इसी तरह करते रहें यही कामना है /आपका
ब्लोगर्स मीट वीकली के मंच पर स्वागत है /आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए / जरुर पधारें /
आदरणीय महोदया
प्रेम की उपासक अमृता जी का हौज खास वाला घर बिक गया है। कोई भी जरूरत सांस्कृतिक विरासत से बडी नहीं हो सकती। इसलिये अमृताजी के नाम पर चलने वाली अनेक संस्थाओं तथा इनसे जुडे तथाकथित साहित्यिक लोगों से उम्मीद करूँगा कि वे आगे आकर हौज खास की उस जगह पर बनने वाली बहु मंजिली इमारत का एक तल अमृताजी को समर्पित करते हुये उनकी सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने के लिये कोई अभियान अवश्य चलायें। पहली पहल करते हुये भारत के राष्ट्रपति को प्रेषित अपने पत्र की प्रति आपको भेज रहा हूँ । उचित होगा कि आप एवं अन्य साहित्यप्रेमी भी इसी प्रकार के मेल भेजे । अवश्य कुछ न कुछ अवश्य होगा इसी शुभकामना के साथ महामहिम का लिंक है
भवदीय
(अशोक कुमार शुक्ला)
महामहिम राष्ट्रपति जी का लिंक यहां है । कृपया एक पहल आप भी अवश्य करें!!!!
भवदीय
(अशोक कुमार शुक्ला)
unique steps. congratulation
हाइकु के माध्यम से सरल शब्दों में अपनी बात कह दी है उर्मि जी ! बहुत बधाई!
अच्छी प्रस्तुति |
अपने ब्लॉग का लिंक बनाने के लिए यहाँ कलिक करें |
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति!!
बहुत सही रास्ता दिखाया है एक बेसहरा हो
Good one! Thanks!
अप्रतिम संदेश।
बहुत बढ़िया
Post a Comment