याद उनकी
याद उनकी हमें पल-पल सताए क्यूँ? खुश्क अँखियों में समंदर आए क्यूँ? पानी को तरसते जिस वीराने में, दर्द का सागर वहाँ पहुँच जाए क्यूँ? तन्हा रात कटती नहीं बगैर तेरे, ख़ुशी का इक लम्हा यूँ गुज़र जाए क्यूँ? इन्कार का गिला ना किया जब हमनें, मेरी आह पर इलज़ाम लगाए क्यूँ? कहता है प्यार है बेपन्हा मुझसे, हर मोड़ पर हमें यूँ आज़माए क्यूँ? महसूस नहीं कर सके मेरे गम को, आज मेरे दर्द पे मुस्कुराए क्यूँ? हर इल्ज़ाम वो देता है इस दिल को, फिर भी मासूम बना नज़र आए क्यूँ? |
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Friday, August 19, 2011
Posted by Urmi at 9:39 AM
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31 comments:
gahan bhavon ko abhivyakt karti gazal .aabhar
BLOG PAHELI NO.1
महसूस नहीं कर सके मेरे गम को,
आज मेरे दर्द पे मुस्कुराए क्यूँ?
Subhan allah...lajawab...Bejod...
Neeraj
बहुत अच्छी प्रस्तुति ..
kya batr hai.
कहता है प्यार है बेपन्हा मुझसे,
हर मोड़ पर हमें यूँ आज़माए क्यूँ?
महसूस नहीं कर सके मेरे गम को,
आज मेरे दर्द पे मुस्कुराए क्यूँ?
waah ! adbhut ..shandaar rachana
" अकल के मोटे ..दिमाग के लोटे : पप्पू धमाल (व्यंग)
http://eksacchai.blogspot.com/2011/08/blog-post_18.html
पानी को तरसते जिस वीराने में,
दर्द का सागर वहाँ पहुँच जाए क्यूँ?
बहुत सुंदर
priya babli jee yaden vastav main gehra asar karti hain jeevan main, shayad isiliye veh jeevan bhar iska ehsaas karta rehta hai har kshan tabhi to-
har iljam vo deta hai is dil ko,
phir bhee maasoom banaa najar aae kayun?
bahut gehraa ehsaas liye hai,badhai.
bahut khub....
www.poeticprakash.com
पानी को तरसते जिस वीराने में,
दर्द का सागर वहाँ पहुँच जाए क्यूँ?
मन को छू लेने वाली शब्द-शब्द संवेदनाओं से भरी रचना ....
bade maasoom sawaalon ko poochhatee behatreen gazal!!
कहता है प्यार है बेपन्हा मुझसे,
हर मोड़ पर हमें यूँ आज़माए क्यूँ?
लाज़वाब...
मन को छू लेने वाले सवाल...सुन्दर प्रस्तुति..
बधाई|
कहता है प्यार है बेपन्हा मुझसे,
हर मोड़ पर हमें यूँ आज़माए क्यूँ?
behtreen
sabhi she'r lazvab
हर इल्ज़ाम वो देता है इस दिल को,
फिर भी मासूम बना नज़र आए क्यूँ?
...बहुत खूब ! बेहतरीन प्रस्तुति..
हर इल्ज़ाम वो देता है इस दिल को,
फिर भी मासूम बना नज़र आए क्यूँ?
आपकी मासूमियत कमाल की है बबली जी,जो
उनके इल्जाम देने पर भी आपको उनमें
मासूमियत ही नजर आ रही है.
सुन्दर अनुपम प्रस्तुति है आपकी.
आभार.
सुन्दर भऊक कविता
अति सुंदर
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज रविवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
बहुत ही प्यार भरी रचना |
मेरी नई रचना जरुर देखें |अच्छा लगे तो ब्लॉग को फोलो भी कर लें |
मेरी कविता: उम्मीद
प्रिय बबली जी बहुत सुन्दर रचना ये दिल बेचारा है ही ऐसे कितने तीर झेल जाता है ...इसी लिए कभी कभी रेगिस्तान और इस वीराने में भी सागर उफन उफन जाता है
आभार आप का
भ्रमर ५
हर इल्ज़ाम वो देता है इस दिल को,
फिर भी मासूम बना नज़र आए क्यूँ?
शुभकामनायें आपको !
हर इल्ज़ाम वो देता है इस दिल को,
फिर भी मासूम बना नज़र आए क्यूँ? बबली जी काबिले दाद हैं अशआर हैं सारे के अशआर इस दुर्योधन की सेना में सबके सब शकुनी शकुनीबैठें हैं ,एक भी सेना पति भीष्म पितामह नहीं हैं ,शूपर्ण -खा है ,मंद मति बालक है जिसे भावी प्रधान मंत्री बतलाया समझाया जा रहा है .एक भी कृपा -चारी नहीं हैं काले कोट वाले फरेबी हैं जिन्होनें संसद को अदालत में बदल दिया है ,तर्क और तकरार से सुलझाना चाहतें हैं ये मुद्दे .एक अरुणा राय आ गईं हैं शकुनियों के राज में ,ये "मम्मीजी" की अनुगामी हैं इसीलिए सरकारी और जन लोक पाल दोनों बिलों की खिल्ली उड़ा रहीं हैं.और हाँ इस मर्तबा पन्द्रह अगस्त से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है सोलह अगस्त अन्नाजी ने जेहाद का बिगुल फूंक दिया है ,मुसलमान हिन्दू सब मिलकर रोजा खोल रहें हैं अन्नाजी के दुआरे ,कैसा पर्व है अपने पन का राष्ट्री एकता का ,देखते ही बनता है ,बधाई कृष्णा ,जन्म दिवस मुबारक कृष्णा ....
लीला पुरुष का गायन इस दौर में बहुत ज़रूरी है ,गायन वंदन ........ ., . ram ram bhai
कुर्सी के लिए किसी की भी बली ले सकती है सरकार ....
स्टेंडिंग कमेटी में चारा खोर लालू और संसद में पैसा बंटवाने के आरोपी गुब्बारे नुमा चेहरे वाले अमर सिंह को लाकर सरकार ने अपनी मनसा साफ़ कर दी है ,सरकार जन लोकपाल बिल नहीं लायेगी .छल बल से बन्दूक इन दो मूढ़ -धन्य लोगों के कंधे पर रखकर गोली चलायेगी .सेंकडों हज़ारों लोगों की बलि ले सकती है यह सरकार मन मोहनिया ,सोनियावी ,अपनी कुर्सी बचाने की खातिर ,अन्ना मारे जायेंगे सब ।
क्योंकि इन दिनों -
"राष्ट्र की साँसे अन्ना जी ,महाराष्ट्र की साँसे अन्ना जी ,
मनमोहन दिल हाथ पे रख्खो ,आपकी साँसे अन्नाजी .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
Saturday, August 20, 2011
प्रधान मंत्री जी कह रहें हैं .....
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
हर इल्ज़ाम वो देता है इस दिल को,
फिर भी मासूम बना नज़र आए क्यूँ? बबली जी काबिले दाद हैं अशआर हैं सारे के अशआर इस दुर्योधन की सेना में सबके सब शकुनी शकुनीबैठें हैं ,एक भी सेना पति भीष्म पितामह नहीं हैं ,शूपर्ण -खा है ,मंद मति बालक है जिसे भावी प्रधान मंत्री बतलाया समझाया जा रहा है .एक भी कृपा -चारी नहीं हैं काले कोट वाले फरेबी हैं जिन्होनें संसद को अदालत में बदल दिया है ,तर्क और तकरार से सुलझाना चाहतें हैं ये मुद्दे .एक अरुणा राय आ गईं हैं शकुनियों के राज में ,ये "मम्मीजी" की अनुगामी हैं इसीलिए सरकारी और जन लोक पाल दोनों बिलों की खिल्ली उड़ा रहीं हैं.और हाँ इस मर्तबा पन्द्रह अगस्त से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है सोलह अगस्त अन्नाजी ने जेहाद का बिगुल फूंक दिया है ,मुसलमान हिन्दू सब मिलकर रोजा खोल रहें हैं अन्नाजी के दुआरे ,कैसा पर्व है अपने पन का राष्ट्री एकता का ,देखते ही बनता है ,बधाई कृष्णा ,जन्म दिवस मुबारक कृष्णा ....
लीला पुरुष का गायन इस दौर में बहुत ज़रूरी है ,गायन वंदन ........ ., . ram ram bhai
कुर्सी के लिए किसी की भी बली ले सकती है सरकार ....
स्टेंडिंग कमेटी में चारा खोर लालू और संसद में पैसा बंटवाने के आरोपी गुब्बारे नुमा चेहरे वाले अमर सिंह को लाकर सरकार ने अपनी मनसा साफ़ कर दी है ,सरकार जन लोकपाल बिल नहीं लायेगी .छल बल से बन्दूक इन दो मूढ़ -धन्य लोगों के कंधे पर रखकर गोली चलायेगी .सेंकडों हज़ारों लोगों की बलि ले सकती है यह सरकार मन मोहनिया ,सोनियावी ,अपनी कुर्सी बचाने की खातिर ,अन्ना मारे जायेंगे सब ।
क्योंकि इन दिनों -
"राष्ट्र की साँसे अन्ना जी ,महाराष्ट्र की साँसे अन्ना जी ,
मनमोहन दिल हाथ पे रख्खो ,आपकी साँसे अन्नाजी .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
Saturday, August 20, 2011
प्रधान मंत्री जी कह रहें हैं .....
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
तुम ही सदा मुझ से दूर रहे ,मै तो दूर तुम से नहीं रही |
साथ पाने के लिए तुम्हारा,मैंने क्या क्या नहीं किया ||
anu
बहुत अच्छी प्रस्तुति ..
बहुत खूबसूरत है !!
गहरी अभिव्यक्ति!!
ईद की शुभकामनाएं!!
सुंदर भावों की सुंदर अभिव्यक्ति.लाजवाब.
वाह! बहुत सुन्दर गहरे भाव की कविता
सादर...
कहता है प्यार है बेपन्हा मुझसे,
हर मोड़ पर हमें यूँ आज़माए क्यूँ?
bahut sundar
Kya acha likhti to aap bahut khub maza aa gya aapki kavitaye padkar
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